हाथरस केस में जातीय हिंसा फैलाने की साजिश की जांच अब STF के जिम्मे, 19 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं
यूपी सरकार ने आरोप लगाया था कि हाथरस मामले में प्रदेश में जातीय हिंसा फैलाने की साजिश रची गई थी. इसे लेकर चार लोगों की गिरफ्तारी भी की गई थी. सरकार ने अब जांच के लिये एसटीएफ को लगाया है.
लखनऊ. उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) को हाथरस मामले के पीछे जातीय हिंसा भड़काने की कथित साजिश की जांच सौंपी गई है. एसटीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि एसटीएफ की एक टीम जल्द ही मौका-ए-वारदात पर जाकर तथ्य इकट्ठा करेगी.
एसटीएफ को मिले 4 मुकदमे
अधिकारी ने बताया कि एसटीएफ को अभी तक चार मुकदमे मिले हैं जिनमें से दो हाथरस में और एक-एक अलीगढ़ और मथुरा में दर्ज किया गया है. मथुरा में दर्ज मामला चार लोगों की गिरफ्तारी से जुड़ा है, जिनके पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के साथ कथित संबंध हैं.
गौरतलब है कि हाथरस मामले को लेकर राजनीति तेज होने के बीच राज्य सरकार ने इस घटना के पीछे जातीय हिंसा की साजिश का आरोप लगाया था. पुलिस ने इस सिलसिले में राज्य के विभिन्न जिलों में अज्ञात लोगों के खिलाफ कुल 19 मुकदमे दर्ज किए थे.
केरल के पत्रकार की गिरफ्तारी हुई थी
पुलिस ने जातीय हिंसा भड़काने की साजिश के मामले में केरल के एक पत्रकार सिद्दीक कप्पन समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ मथुरा के माट थाने में देशद्रोह तथा अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज किया था.
गौरतलब है कि हाथरस जिले के एक गांव में बीते 14 सितंबर को 19 साल की एक दलित लड़की से अगड़ी जाति के चार युवकों ने कथित रूप से सामूहिक बलात्कार किया था. बाद में दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज के दौरान पीड़िता की मौत हो गई थी. इस मामले को लेकर विपक्ष ने सरकार पर जोरदार हमला बोला था.