UP Politics: महाराष्ट्र की राजनीति में हुए उलटफेर के बाद अब यूपी की सियासत में भी हलचल तेज हो गई है. बीजेपी के सहयोगी दल दावा कर रहे हैं कि जिस तरह से शरद पवार की पार्टी एनसीपी टूटी है उसी तरह यूपी में अब समाजवादी पार्टी टूटने वाली है. यही नहीं इनका दावा है कि 2024 से पहले यूपी की सियासत में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. जयंत चौधरी की रालोद भी सपा को छोड़ देगी तो वहीं चर्चा है कि चाचा शिवपाल यादव भी अखिलेश यादव को छोड़कर बीजेपी के साथ आ जाएंगे. 


महाराष्ट्र की सियासत में आए भूचाल पर केंद्रीय मंत्री और आरपीआई अध्यक्ष रामदास आठवले ने दावा किया कि "अजित पवार की तरह यूपी में आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी भी सपा गठबंधन और अखिलेश यादव को झटका दे सकते हैं और सपा गठबंधन में भी फूट होने की संभावना है. जयंत चौधरी भी अब बीजेपी के साथ आ सकते हैं. तो वहीं बीजेपी की सहयोगी निषाद पार्टी के अध्यक्ष और योगी सरकार में मंत्री संजय निषाद ने तो यहां तक कह दिया कि जयंत के साथ शिवपाल यादव भी बीजेपी के साथ आ सकते हैं. 


संजय निषाद ने किया ये दावा


संजय निषाद ने कहा कि 2024 से पहले बहुत कुछ बदलते हुए दिखेगा. सपा के सभी मुद्दों पर केंद्र व प्रदेश की बीजेपी की सरकार फैसले ले रही है. जिसके बाद सपा के पास कुछ नहीं रह गया है. रालोद का वोटबैंक भी किसान रहा है और केंद्र व प्रदेश सरकार किसानों के भी सारे मुद्दे हल करने में जुटी है. ऐसे में 2024 से पहले रालोद में भी टूट हो सकती है. 


राजभर बोले सपा के कई विधायक संपर्क में


सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने भी दावा किया कि यूपी में सपा के कई नेता पाला बदलने की तैयारी में हैं. ये विधायक प्रदेश सरकार का हिस्सा बनना चाहते हैं. कुछ विधायक लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं. राजभर ने तो यहां तक कहा कि सपा के कई विधायकों ने उनसे संपर्क किया है ताकि वो मध्यस्थता करवाकर उन्हें बीजेपी में शामिल करवा दें. रालोद और सपा का तालमेल ठीक नहीं चल रहा है. 


एनसीपी में टूट के बीच यूपी की सियासत में सोमवार का दिन कई घटनाक्रमों से होकर गुजरा, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव से मुलाकात की. इस दौरान दोनों नेताओं ने 2024 को लेकर आगे की रणनीति पर चर्चा की और विपक्षी एकता का दावा किया है. वहीं दूसरी तरफ मोदी मंत्रिमंडल में यूपी से दो नेताओं के शामिल किए जाने की चर्चा है, माना जा रहा है कि कुछ मंत्रियों को हटाकर नए चेहरे शामिल किए जा सकते हैं वहीं योगी मंत्रिमंडल में भी विस्तार की चर्चाएं तेज हैं. 


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