मेरठ, बलराम पांडेय: कोरोना वायरस के खतरे से जनता को बचाने के लिए सरकार ने देशभर में लॉकडाउन कर रखा है. स्कूल-कॉलेज, दफ्तरों सहित सामाजिक सरोकार सब पर पाबंदियां लगी हुई हैं. प्रार्थना स्थल एवं धार्मिक आयोजन भी बंद हैं. रमजान का महीना भी लॉकडाउन में गुजरा है. ऐसा पहली बार हुआ है जब दुनियाभर में मुसलमानों ने अपने सबसे बड़े त्योहार ईद-उल-फितर की नमाज मस्जिद या ईदगाह पर नहीं, बल्कि घर में ही अदा की है.


इन सब के बीच कई जगह सरकार के आदेशों की धज्जियां भी उड़ाने का प्रयास हुआ. मेरठ में एक मुस्लिम परिवार ने आरोप लगाया है कि उन्होंने अपने पड़ोसियों को छत पर सामूहिक रूप से नमाज़ पढ़ने को मना कर दिया, जिसको लेकर दोनों पक्षो में मारपीट और पथराव हुआ. पुलिस ने प्रथमदृष्टया दोनों पक्षों का इसे आपसी विवाद मानते हुए पांच लोगों को गिरफ्तार करके आपदा महामारी अधिनियम में मुकदमा दर्ज कर लिया है.




मेरठ थाना लिसाड़ीगेट इलाके के लक्खीपुरा निवासी गफ्फार पक्ष की पीड़ित महिला का आरोप है कि उनकी छत पर उनके पड़ोसी सामूहिक रूप से नमाज पढ़ने की बात कह रहे थे. गफ्फार के परिजनों ने लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का हवाला देते हुए उनको भीड़ इकट्ठा करके नमाज पढ़ने से मना कर दिया. जिसके बाद पड़ोसी जावेद, बिलाल सहित कई लोग गुस्सा हो गए और उनसे गाली गलौच करने लगे. देखते-देखते गाली गलौच पथराव में बदल गई. इतना ही नहीं, आरोप है कि इन लोगों ने गफ्फार के घर में मौजूद महिलाओं के साथ भी मारपीट की है. पथराव में दोनों पक्ष के कई लोग चोटिल हो गए हैं.




वहीं, मौके पर पहुंची पुलिस का कहना है कि बच्चों की लड़ाई में बड़े शामिल हो गए थे. फिलहाल दोनों पक्ष के पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है और मारपीट व महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत कर लिया है. पुलिस की मानें, तो दोनों पक्षों में ये आपसी विवाद है. हंगामे को शांत करने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग  किया. फिलहाल स्थिति शांत है और इलाके में पुलिस तैनात कर दी गई है.


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