एक दो नहीं.... इतने किलो सोना पहनकर हर साल कांवड़ यात्रा में आते हैं 'गोल्डन बाबा', पढ़ें दिलचस्प कहानी
सावन महीने के शुरुआत हो चुकी है। इस महीने में शिव भक्त कांवड़ यात्रा में शामिल होते हैं। इसमें शामिल होनेवाले गोल्डन बाबा की कहानी भी कम दिलचस्प नहीं है।
मुजफ्फरनगर, एबीपी गंगा। देश के सबसे बड़े कांवड़ मेले में दिखावे के लिए या फिर अपनी इच्छा के लिए शिव भक्त खर्च तो बहुत करते हैं, लेकिन खुद को सोने से ढक कर कांवड़ लाने वाला शिव भक्त सिर्फ और सिर्फ एक ही है, जिसे दिल्ली से लेकर हरिद्वार तक की जनता 'गोल्डन बाबा' के नाम से जानती है, इस गोल्डन बाबा की ये 26 वीं कांवड़ है। इस शिव के भक्त की एक खासियत ये है की जब भी ये कांवड़ लाते हैं, तो हमेशा खुद को सोने से लांघ कर अपनी यात्रा पूरी करते हैं। और हर बार ये गोल्डन बाबा अपनी यात्रा में सोने का वजन बढ़ा देते हैं, लेकिन इस बार तबियत खराब होने के कारण ओर डॉक्टरों की मनाही पर इस बार बाबा 14 किलो ही सोना पहन कर आये हैं।
दरअसल ये गोल्डन बाबा हरिद्वार की हर की पौड़ी से जल भरकर शुक्रवार सुबह अपने 300 समर्थकों के काफिले के साथ मुजफ्फरनगर पहुंचे, जहां इन्हें देखने वालों का तांता लग गया। ये गोल्डन बाबा हरिद्वार से जल भरकर दिल्ली की अशोक मार्केट शिव मंदिर में जल चढ़कर अपनी यात्रा पूरी करते हैं। इसी अपनी 26वीं कांवड़ की यात्रा में गोल्डन बाबा मुजफ्फरनगर अपनी टोली के साथ पहुंचे जहां मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया कि शिव भक्त गोल्डन बाबा ने बताया की अभी हम हरिद्वार से आ रहे हैं और दिल्ली जा रहे हैं।
कांवड़ लेकर मैं पिछले 25 सालों से आ रहा हूं यह मेरी 26 वीं कांवड़ है। उन्होंने कहा कि हमारा नाम गोल्डन बाबा है, हम गोल्ड भी पहनते हैं। साल 1972-73 से पहनते हैं। बाबा ने बताया कि जब सोने का मूल्य 260 रुपये तोला होता था। तब भी मैं पहनता था। आज मैं किलो के हिसाब से पहनता हूं। सोना मेरे लिये इष्ट देव हैं, इसलिए मैं सोना पहनता हूं। इस बार मैंने कम किया है। मेरे गले के दो ऑपरेशन हुए हैं। डॉक्टरों ने इतना भी पहनने के लिए मना कर रखा है। गोल्डन बाबा ने बताया कि पिछले साल उन्होंने 21 किलो सोना पहना था।