गोरखपुर, एबीपी न्यूज। एडीजी जोन दावा शेरपा ने बताया कि भारत और नेपाल के बीच नागरिकों के आदान-प्रदान का सिलसिला जारी है. उन्‍होंने बताया कि 1500 से 2500 नागरिकों का हर दिन आदान-प्रदान हो रहा है. नागरिकों को स्‍वास्‍थ्‍य परीक्षण के बाद बार्डर पर अधिकारियों की देख-रेख में उनके घर भेजवाने की व्‍यवस्‍था की गई है. तीनों प्रमुख बार्डर सोनौली, बढ़नी और रुपईडीहा से भेजा जा रहा है. वहीं नेपाल से भारत भी नागरिकों के आने का सिलसिला जारी है.


गोरखपुर के एडीजी जोन दावा शेरपा ने कहा कि भारत और नेपाल के अधिकारी एक-दूसरे के संपर्क में फंसे हुए लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कराने के बाद भेजा जा रहा है. उन्‍होंने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बीच भारत नेपाल सीमा पर फंसे हुए सैकड़ों लोगों को दोनों ही देशों के अधिकारियों द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण के बाद अपने-अपने देशों में भेजने का काम विभिन्न बार्डर द्वारा किया जा रहा है. लॉक डाउन की वजह से भारत और नेपाल की तीन खुली हुई सीमाओं महराजगंज जिले के सोनौली बार्डर, सिद्धार्थनगर के बढ़नी और रूपईडीहा तीनों बॉर्डर पर ये क्रम जारी है.


दावा शेरपा ने बताया कि काफी संख्या में नेपाली सिटीजन ट्रेन के माध्‍यम से अलग अलग हिस्से से यहां पहुंच रहे हैं. इनका आदान-प्रदान नेपाली अधिकारियों से संपर्क साध कर किया जा रहा है. उसी तरह से कई भारतीय नागरिक नेपाल के विभिन्न जगहों पर फंसे हुए हैं. उन्हें भी अब धीरे-धीरे वापस अपने देश लाए जा रहा है. दोनों ही देशों के अधिकारी लगातार एक-दूसरे के संपर्क में बने हुए हैं. स्वास्थ्य समेत अन्य परीक्षण करने के बाद एक-दूसरे देश के लोगों का आदान-प्रदान किया जाता है. बहराइच से शुक्रवार को लगभग 27 सौ लोगों को नेपाल भेजा गया और उतनी ही संख्या में नेपाल से भी लोग वापस अपने देश में है.


महाराजगंज बार्डर से भी रोजाना लगभग 500 से 1000 के बीच लोगों का आना जाना लगा हुआ है. ज्यादातर प्रवासी ट्रेनों के माध्यम से पहुंच रहे हैं. उन्‍हें जिला प्रशासन द्वारा विभिन्न बॉर्डर पर भेजा जा रहा है. बाकी अन्य चीजों का बॉर्डर पर आना जाना पूरी तरीके से प्रतिबंधित है. लेकिन, सामान और वह नागरिक जो वापस अपने देश लौटना चाहते हैं, उनका आदान-प्रदान मेडिकल परीक्षण के बाद लगातार चल रहा है.