गौतमबुद्ध नगर, बलराम पांडेय: दिल्ली से सटे गौतमबुद्ध नगर जिले में लॉकडाउन के दौरान स्ट्रीट क्राइम में काफी कमी देखी गई है. हालांकि, टेंशन वाली बात है कि इस दौरान ऑनलाइन फ्रॉड में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है. दरअसल, लॉकडाउन के चलते घर के अंदर ही फंसे लोगों ने ऑनलाइन लेन-देन का ज्यादा इस्तेमाल किया. साइबर अपराधियों ने इसे मौके की तरह भुनाया और कई लोगों के अकाउंट के सेंधमारी कर उन्हें चूना लगाया. ई-वॉलेट की केवाईसी या फिर सोशल नेटवर्किंग साइट के जरिए जालसाजों के झांसे में आकर कई लोग साइबर ठगी के शिकार बन गए.


ऑनलाइन फ्रॉड में 65 फीसदी की बढ़ोतरी
लॉकडाउन के दौरान नोएडा में साइबर क्राइम के 600 से अधिक मामले सामने आए हैं, जबकि उससे पहले दो महीने में साइबर क्राइम के 390 मामले सामने आए थे. लिहाजा, इस दौरान ऑनलाइन फ्रॉड के मामलों में 65 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, जिले में प्रतिदिन साइबर अपराध के दस से अधिक मामले सामने आ रहे हैं. जांच की बात करें तो साइबर अपराध के ज्यादातर मामलों में अपराधियों तक पुलिस पहुंच ही नहीं पाती है, क्योंकि ज्यादातर अपराधी दूसरे राज्यों या विदेश में होते हैं. थानों में आई ऐसी ज्यादातर शिकायतों का निपटारा नहीं हो पा रहा है.


सिम को अपग्रेड करने के बहाने ठगी
लॉकडाउन के दौरान नोएडा स्थित 108 सेक्टर में वर्षा अग्रवाल को ठगों ने सिम को अपग्रेड के बहाने बरगलाया. सिम को अपग्रेड करने के बहाने उनके अकाउंट से लाखों रुपये निकाल लिए गए. ठगों ने उनसे कहा था कि अगर उन्होंने 3जी सिम को 4जी में अपग्रेड नहीं कराया तो उनकी 3जी सिम की सेवा जल्द बंद हो जाएगी. वर्षा इसके बाद सिम को अपग्रेड कराने के लिए राजी हो गई. वर्षा को कुछ शक हुआ तो वे बैंक गई, जहां उन्हें पता चला कि उनकी एफडी तोड़कर साढ़े 9 लाख रुपये ठग लिए गए हैं. यह रकम 8 मई से 11 मई तक 22 बार निकाली गई.


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