New Law for Ponzi sheme in UP: पॉन्जी स्कीम से जनता की खून-पसीने की गाढ़ी कमाई लूटने वाले ठगों की अब खैर नहीं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्रीय कानून के तहत ऐसे ठगों के खिलाफ कार्रवाई की रूपरेखा तैयार कर ली है. मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार के 'अविनियमित निक्षेप स्कीम पाबंदी अधिनियम 2019' को उत्तर प्रदेश में लागू करने का निर्णय लिया है. केंद्र सरकार का यह कानून प्रदेश में लागू होने से बीते 25 साल से हजारों करोड़ रुपए ठग कर भागी कंपनियों के संचालकों की मुसीबत तय है.


पॉन्जी स्कीम के जरिये ठगी के मामले आ रहे हैं सामने


प्रदेश में बड़ी संख्या में पॉन्जी स्कीम के मामले सामने आते रहते हैं. ऐसी स्कीमों के संचालक निवेश और ज्यादा रिटर्न का झांसा देकर जमाकर्ताओं से रुपया लेते हैं और जब मोटी रकम इकट्ठा हो जाती है तो ऑफिस बंद करके गायब हो जाते हैं. अपनी मेहनत की कमाई ऐसी कंपनियों में फंसने से जमाकर्ता ठगा महसूस करते हैं. शिकायत लेकर जमाकर्ता थानों और चौकी के चक्कर काटते हैं, लेकिन सुनवाई नहीं होती. बीते कुछ वर्षों में ऐसे हजारों मामले सामने आने के बाद योगी सरकार ने पॉन्जी स्कीम के संचालकों पर शिकंजा कसने का निर्णय लिया और कैबिनेट बाई सर्कुलेशन में इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. सरकार ने इस कानून के तहत कार्रवाई के लिए सक्षम प्राधिकारी व सक्षम न्यायालय भी तय कर दिए हैं और जल्द ही अधिसूचना जारी होने की उम्मीद है. कानून लागू होने के बाद राज्य सरकार इस तरह के मामलों की जांच सीबीआई को भी सौंप सकेगी.


कार्रवाई के लिए मिलते हैं तमाम अधिकार 


केंद्र के अधिनियम में राज्यों को सक्षम प्राधिकारी की नियुक्ति और ऐसे प्रकरणों की तेज सुनवाई के लिए विशेष न्यायालय के गठन के साथ ही विशेष न्यायाधीशों की नियुक्ति की जिम्मेदारी दी गई है. प्रदेश सरकार ने मंडल स्तर पर सभी मंडल आयुक्तों को अधिनियम से संबंधित कार्रवाई के लिए सक्षम प्राधिकारी व अपर आयुक्त को सहायक सक्षम प्राधिकारी नामित किया है. इसी तरह ऐसे मामलों की सुनवाई के लिए जिला स्तर पर एडीजे प्रथम को विशेष न्यायालय व उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को विशेष न्यायाधीश की जिम्मेदारी दी गई है. केंद्रीय अधिनियम में ऐसे प्रकरण जिनमें एक से अधिक जिले या राज्य जुड़े हैं या काफी ज्यादा धनराशि शामिल है, उन मामलों में राज्य सरकार को सीबीआई जांच के लिए संदर्भित करने का अधिकार भी दिया गया है. इसके लिए गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अथवा सचिव अधिकृत किये गए हैं. यह सक्षम अधिकारी सीबीआई को ऐसे मामले संदर्भित कर सकते हैं.


यह हैं सबसे बड़ी ठग कंपनियां


शाइन सिटी इंफ़्रा लिमिटेड ने 70000 करोड़ रुपये ठगे
बाइक बोट घोटाले में 4000 करोड़ रुपये डकारे
अनी बुलियन कम्पनी ने 2000 करोड़ की ठगी की
हेलो राइड कम्पनी 500 करोड़ रुपये लेकर भागी
विश्वास ट्रेडिंग कम्पनी ने 500 करोड़ रुपये ठगे


केंद्रीय कानून लागू होने से जमाकर्ताओं का भुगतान संभव होगा


पॉन्जी स्कीम से संबंधित केंद्रीय कानून लागू होने से जमाकर्ताओं को उनकी रकम का भुगतान भी कराया जा सकेगा. इस कानून के लागू होने से अनियमित जमा राशि जुटाने की गतिविधियों पर तो अंकुश लगेगा ही ऐसी गतिविधियों में लिप्त रहने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई भी हो सकेगी. सक्षम प्राधिकारी जांच और सम्मन जारी करने, संपत्ति कुर्क करने के साथ ही अन्य कानूनी कार्रवाई भी आसानी से कर सकेंगे.



ये भी पढ़ें


Lakhimpur Kheri Update: लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में तीन और आरोपी हुए गिरफ्तार, अब तक हुयीं 13 गिरफ्तारियां