कोरोना के बढ़ते मामलों पर हरिद्वार में बढ़ी सख्ती, मास्क न पहनने पर काटे जा रहे हैं चालान
कोरोना के मामले एक बार फिर से बढ़ रहे हैं. वहीं, हरिद्वार में पुलिस प्रशासन भी सतर्क हो गया है. लेकिन बाहर से आ रहे साधु-संतों को लेकर लापरवाही बरती जा रही है.
हरिद्वार: देश में एक बार फिर से कोरोन का प्रकोप बढ़ रहा है. कई राज्यों में संक्रमण के कई मरीज सामने आए हैं और वहां पर दोबारा से लॉकडाउन की स्थिति भी उत्पन्न हो रही है. हरिद्वार में कुंभ महापर्व शुरू हो चुका है और यहां पर देश दुनिया से लाखों की संख्या में श्रद्धालु मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाने आते हैं. पहला शाही स्नान महाशिवरात्रि का सकुशल संपन्न हो गया, मगर आगामी शाही स्नान को लेकर जिला प्रशासन ने साफ कर दिया है कि स्थान में आने वाले श्रद्धालुओं को मास्क पहनना अनिवार्य होगा.
कोरोना से बचने के लिये मास्क की सख्ती
जिलाधिकारी मेला क्षेत्र की वर्तमान स्थिति को फिलहाल सही मानते हैं. इनका कहना है कि, बीते स्नान के दौरान करीब 50,000 के आसपास श्रद्धालुओं की कोरोना टेस्टिंग की गई जिसमें से सिर्फ 15 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. बॉर्डर पर जांच के दौरान पॉजिटिव आए श्रद्धालुओं को जहां वापस भेज दिया गया वहीं मेला क्षेत्र में जांच के दौरान पॉजिटिव आए लोगों को आइसोलेट किया गया है. अगले स्नानों को देखते हुए मेला क्षेत्र में पुलिस और प्रशासन मास्क पहनने को लेकर सख्ती करने जा रही है. अभी भी मास्क ना पहनने वालों के खिलाफ चालान की कार्रवाई की जा रही है, जिसे आने वाले दिनों में और तेजी से बढ़ा दिया जाएगा. जिलाधिकारी सी रविशंकर ने कहा कि, फिलहाल जिले में किसी तरह के लॉकडाउन लगाने की न तो जरूरत महसूस की जा रही है और ना ही किसी तरह का कोई आदेश प्राप्त हुआ है.
रोकने का आदेश नहीं
साथ ही जिन राज्यों में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ी है, उन राज्यों से आने वाले यात्रियों को लेकर भी सतर्कता बरती गई है, मगर अभी तक हमें ऐसा कोई आदेश नहीं मिला है कि वहां, के आने वाले श्रद्धालुओं को हरिद्वार आने से रोका जाए. यदि इस तरह का कोई आदेश सरकार से मिलता है तो उसका भी पालन किया जाएगा.
बाहर से आने वाले साधू-संत की चेकिंग नहीं
बीते शाही स्नान में शासन-प्रशासन की लापरवाही कोरोना को लेकर साफ नजर आई. शहर में बाहर से आए यात्रियों और स्थानीय लोगों के लिए दो तरह की कानून व्यवस्था थी. जहां स्थानीय लोगों के जगह जगह चालान किए गए तो वहीं बाहर से आने वाले किसी भी यात्री या साधु संत को मास्क पहनने के लिए प्रशासन द्वारा नहीं कहा गया. अब एक बार फिर नए मुख्यमंत्री ने अपने दिशा निर्देश जारी किए हैं. देखना यह होगा मेला और जिला प्रशासन कोरोना के नियमों को लेकर कितना जागरूक हो पाता है.
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