अयोध्या. बाबरी विध्वंस केस की समाप्ति के बाद आरोपी बनाए गए लोग अब सवाल पूछ रहे हैं कि जिसने अपनी जिंदगी के कीमती समय राम मंदिर आंदोलन के लिए दिए अपनी जान दे दी उनको राम मंदिर निर्माण करवा रहे लोग या फिर सत्ता में बैठे लोग क्यों याद नहीं कर रहे हैं. कम से कम उनके सम्मान के लिए उनके नाम लिखें स्तूप ही बनवा देते या फिर लाइब्रेरी में उनके संघर्षों के इतिहास की किताबें ही रखी जाती. भविष्य में उन्हें युवा पीढ़ी याद रखती ऐसी कोई व्यवस्था तो कर दी जाती. लिहाजा अब बाबरी विध्वंस केस में आरोपी बनाए गए लोगों के सम्मान के लिए जब कार्यक्रम होते हैं तो यही सवाल उभर कर सतह पर आ जाता है.


काशी-मथुरा भी मुक्त कराएंगे!


वहीं, बाबरी मस्जिद केस में आरोपी बनाए गए लोगों में से कई ऐसे हैं जो अब राम मंदिर के बाद मथुरा और काशी के लिए लड़ाई लड़ना चाहते हैं और उसके लिए सेना का गठन भी करना चाहते हैं. उत्तर प्रदेश में शिवसेना के एकमात्र विधायक रह चुके पवन पांडे कहते हैं कि राम मंदिर आंदोलन के समय कई सेना बनी थी, अगर मथुरा और काशी का संघर्ष और सपना उनके जीवन में आया तो वह राम मंदिर के बाद अब मथुरा काशी को भी मुक्त कराएंगे.


भूल जाने का दर्द


पवन पांडे ( पूर्व शिवसेना विधायक और बाबरी विध्वंस के आरोपी) ने कहा कि आज जो लोग मंदिर बनवा रहे हैं, जो लोग सत्ता में हैं, वह भी उनको स्मरण नहीं कर रहे हैं, जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी.


काशी, मथुरा पर उन्होंने कहा कि हमारी तो यह मंशा है कि दोनों हमको मिलना चाहिए. जन्मस्थान कभी बदल नहीं सकता. काशी हमारी सबसे प्राचीन नगरी है और शंकर जी वहां वास करते हैं इसलिए वह भी हमारे लिए किसी जन्मभूमि से कम नहीं है. यह तो हम मांग कर रहे हैं लेकिन हमारी पूर्व सरकारों ने कुछ समझौते किए हैं. कुछ तकनीकी बातें हैं. कुछ राजाओं ने अपनी संपत्तियों को दान किया है.

मथुरा में, काशी में कुछ समझौते हुए हैं. उसका अध्ययन लोग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि युवा संकल्प लें काशी-मथुरा के बाद किसी भी स्थान की मांग नहीं करेंगे. हम चाहते हैं कि हिंदू-मुसलमान मिलकर इस पर पहल करें.


वैधानिक लड़ाई थी राम जन्म भूमि की


राम मंदिर आंदोलन में भाग ले चुके राम जी गुप्ता ने कहा कि जैसे जन्मभूमि के लिए हमारी लड़ाई बिल्कुल वैधानिक थी. कहीं से कोई अवैधानिक उसको नहीं कह सकता. यह पूरी दुनिया को हमारे मार्गदर्शक मंडल ने चैलेंज किया था. उस समय उसी प्रकार से काशी विश्वनाथ भी पूर्ण साक्ष्य के साथ वह भी हमको मिलना चाहिए. जो हमारे साक्ष्य हैं, उसी प्रकार से कृष्ण जन्म भूमि भी हमें प्राप्त होना चाहिए, क्योंकि राम और कृष्ण इस देश की नस नस में हैं, इस देश के कण-कण में हैं. उन्होंने कहा कि काशी विश्वनाथ भोलेनाथ जी सब का नेतृत्व करते हैं.


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