एक दिन की मुख्यमंत्री बनेगी हरिद्वार की होनहार छात्रा सृष्टि, इस दिन संभालेंगी कुर्सी
उत्तराखंड सरकार ने बालिकाओं के सशक्तिकरण के लिये बड़ी पहल की है. मुख्यमंत्री ने हरिद्वार की सृष्टि वर्मा को राज्य का एक दिन का मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया है.
हरिद्वार: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने बड़ा फैसला लिया है. आगामी 24 जनवरी को बालिका दिवस पर हरिद्वार जनपद के दौलतपुर गांव निवासी सृष्टि गोस्वामी एक दिन के लिए बाल मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालेंगी. इस दौरान विधानसभा के कक्ष नंबर 120 में बाल विधानसभा आयोजित की जाएगी, जिसमें एक दर्जन विभाग अपनी प्रस्तुति देंगे.
होनहार छात्रा बनेगी मुख्यमंत्री
उत्तराखंड बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने इस आशय का पत्र मुख्य सचिव ओमप्रकाश को प्रेषित किया. उन्होंने बताया कि 24 जनवरी को बालिकाओं के सशक्तीकरण के लिए आयोग ने एक होनहार छात्रा को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी है. यही नहीं बतौर मुख्यमंत्री सृष्टि गोस्वामी उत्तराखंड के विकास कार्यों की समीक्षा करेंगी. इसके लिए नामित विभाग के अधिकारी बाल विधानसभा में पांच-पांच मिनट अपनी प्रस्तुति देंगे. बाल विधानसभा दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक आयोजित होगी.
परिवार में खुशी
वहीं, श्रष्टि गोस्वामी के परिजनों में भी काफी खुशी देखने को मिल रही है. सृष्टि गोस्वामी के माता पिता का कहना है कि आज हमें काफी गर्व की अनुभूति प्राप्त हो रही है. हर बेटी एक मुकाम हासिल कर सकती है, बस उनका साथ देने की जरूरत है. क्योंकि बेटी किसी से कम नहीं होती. मैं सरकार का भी बहुत-बहुत धन्यवाद करना चाहती हूं, कि उन्होंने मेरी बेटी को इस लायक समझा. किसी के भी कहने पर अपनी बेटियों का साथ ना छोड़े क्योंकि बेटियां आज के वक्त में सब कुछ कर सकती हैं और बेटी हर मुकाम को हासिल कर सकती है.
सृष्टि गोस्वामी के पिता का कहना है कि यह उदाहरण है, सभी लोग इस बात से प्रेरणा लें कि जब एक बेटी इस मुकाम को हासिल कर सकती है तो और कोई क्यों नहीं. हम मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का बहुत-बहुत आभार व्यक्त करते हैं कि उन्होंने मेरी बेटी को इस लायक समझा.
बीएससी कर रही हैं सृष्टि
आपको बता दें कि, सृष्टि गोस्वामी रूड़की के बीएसएम पीजी कॉलेज से बीएससी एग्रीकल्चर कर रही हैं. मई 2018 में बाल विधानसभा में बाल विधायकों की ओर से उनका चयन मुख्यमंत्री के रूप में किया गया था. बाल विधानसभा में हर तीन वर्ष में बाल मुख्यमंत्री का चयन किया जाता है.
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