रुद्रप्रयाग, एबीपी गंगा। छह सूत्रीय मांगों को लेकर राजकीय महाविद्यालय रुद्रप्रयाग के छात्रों ने जिला मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन करते हुए सरकार और शासन-प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। छात्रों ने कहा कि इसकी स्थापना से ही महाविद्यालय समस्याओं से जूझ रहा है, बावजूद इसके महाविद्यालय की ओर कोई भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। अब सरकार को नींद से जगाने के लिए छात्रों ने आंदोलन का रास्ता अपना लिया है और जब तक मांगे पूरी नहीं होती आंदोलन जारी रहेगा। वहीं दूसरी ओर मागों को लेकर छात्रों का चल रहा धरना चौथे दिन भी जारी रहा।
दरअसल, रुद्रप्रयाग महाविद्यालय अपने स्थापनाकाल से कई समस्याओं से जूझ रहा है। पहले तो महाविद्यालय की कक्षाएं आईटीआई के छात्रावास में संचालित की गई, लेकिन पर्याप्त जगह न होने के कारण बाद में कॉलेज को बालिका इंटर कॉलेज के पुराने भवन में शिफ्ट किया गया। आईटीआई छात्रावास में कॉलेज के संचालन के दौरान बीबीए एवं बीसीए की कक्षाएं संचालित हो रही थी और छात्रों को बीए तथा एमए के लिए श्रीनगर या फिर देहरादून जाना पड़ रहा था। छात्रों ने बीए की कक्षाओं के संचालन को लेकर आंदोलन किया, जिसके बाद राबाइंका के पुराने भवन में जगह मिलने के साथ ही बीए की कक्षाओं का भी संचालन शुरू हुआ।
बीए की कक्षाएं शुरू होने के बाद महाविद्यालय में छात्र-छात्राओं ने प्रवेश लिया और आज स्थिति यह है कि कॉलेज में प्रवेश मिलना भी मुश्किल हो रहा है, लेकिन समस्या इस बात की है कि आज भी महाविद्यालय का अपना भवन नहीं है। ऐसे में छात्रों ने आंदोलन का रास्ता अपनाते हुए धरना शुरू कर दिया है। धरने के चौथे दिन छात्रों ने जिला मुख्यालय में जोरदार प्रदर्शन कर सरकार, शासन व प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और पुराने विकास भवन में आयोजित जनता दरबार में जाकर अपनी समस्याओं के निराकरण की मांग जिलाधिकारी से की।
धरने पर बैठे छात्रों की छह सूत्रीय मांगें हैं, जिनमें महाविद्यालय में एमए व बीएससी कक्षाओं का संचालन, महाविद्यालय में शौचालय निर्माण, बीए में संस्कृत व भूगोल की स्वीकृति, सफाई कर्मचारी की नियुक्ति करने, महाविद्यालय की मूलभूत समस्याओं पर कार्रवाई करने, महाविद्यालय के भवन निर्माण के लिए जिला पंचायत की भूमि को महाविद्यालय के नाम करने की मांग की। इसके अलावा महाविद्यालय के दो कर्मचारी देहरादून में कार्यरत हैं, जिनकी नियुक्ति शीघ्र रुद्रप्रयाग महाविद्यालय में करने की मांग छात्रों ने की है। छात्रों का कहना है कि यदि उनकी मांगों पर काई विचार नहीं किया जाता है तो वे आंदोलन तेज करेंगे।
वहीं जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि छात्रों की मूलभूत समस्याओं का निराकरण जल्द किया जायेगा। शासन स्तर की मांगों पर कार्यवाही के लिए पत्र भेजा जायेगा। उन्होंने कहा कि छात्रों की समस्याओं को हल करने के पूरे प्रयास किये जा रहे हैं।