वाराणसी: प्रेरणा साथी में कम दिलचस्पी दिखा रहे छात्र, बिना संसाधन मुश्किल हो रही पढ़ाई
संसाधनों की कमी के कारण वाराणसी में छात्रों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. छात्रों की पढ़ाई ठीक से नहीं हो पा रही है.
वाराणसी. कोरोना काल में स्कूल बंद हैं. स्कूल बंद होने की वजह से बच्चे स्मार्टफोन या कंप्यूटर के जरिए पढ़ाई कर रहे हैं. हालांकि, जिन बच्चों के पास स्मार्टफोन की सुविधा नहीं है उन्हें पढ़ाई में काफी दिक्कतें आ रही हैं. ऐसे में सरकार ने प्रेरणा साथी का विकल्प निकाला है. प्रेरणा साथी वे स्वयं सेवक हैं जो अपने मोबाइल फोन से विभाग द्वारा भेजे जा रहे ई-स्टडी सामग्री को उन बच्चों तक पहुचते हैं जिनके पास संसाधन नहीं है. जिन बच्चों के पास स्मार्टफोन नहीं है उन्हें इससे काफी मदद मिल रही है. हालांकि, इसका फायदा ज्यादा बच्चों तक नहीं पहुंच पा रहा है.
वाराणसी के घौसाबाद में प्राइमरी स्कूल के हेडमास्टर सुखपाल श्रीवास्तव बताते हैं, "स्मार्टफोन की कमी के कारण वाराणसी में छात्रों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. केवल एक चौथाई छात्रों के पास एंड्रॉयड फोन हैं. वह भी माता-पिता उन्हें काम पर ले जाते हैं. हमारे पास हर दिन डीडी यूपी पर कक्षाएं जैसे विकल्प हैं, लेकिन वे पूरी तरह से मदद नहीं करते हैं."
Through 'Prerna Saathi', we try to reach out to as many students as possible to distribute e-study material. This helps students with no smartphones. But still, response in student groups is only 25% and situation is not good," Headmaster Sukhpal Srivastav added. pic.twitter.com/ODft9WVeMC
— ANI UP (@ANINewsUP) July 2, 2021
वो आगे कहते हैं, 'प्रेरणा साथी' के माध्यम से, हम ई-अध्ययन सामग्री वितरित करने के लिए अधिक से अधिक छात्रों तक पहुंचने का प्रयास करते हैं. प्रेरणा साथी बिना स्मार्टफोन वाले छात्रों की मदद करता है, लेकिन फिर इसमें सिर्फ 25 फीसदी छात्रों की ही प्रतिक्रिया आती है. स्थिति अच्छी नहीं है.
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