Garhwal News: हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय (Hemvati Nandan Bahuguna Garhwal University) के छात्रों द्वारा खोजे गए ऐस्टरॉइड (क्षुद्र ग्रह) पर अंतरराष्ट्रीय माइनर प्लेनेट सेंटर अमेरिका (IAU Minor Planet Center) आगे का शोध करने जा रहा है. यह पहला मौका होगा जब गढ़वाल यूनिवर्सिटी के किसी शोध पर माइनर प्लेनेट सेंटर कोई शोध करेगा. इस उपलब्धि को लेकर विवि के छात्रों सहित तमाम अध्यापक गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.


गढ़वाल यूनिवर्सिटी के छात्रों की बड़ी उपलब्धि
गढ़वाल यूनिवर्सिटी के छात्रों की इस कामयाबी पर यहां की कुलपति अन्नपूर्णा नौटियाल ने भी उन्हें बधाई दी है. दरअसल गढ़वाल विवि के भौतिक विज्ञान विभाग के पांच शोध छात्रों ने ऐस्टरॉइड की खोज की है जिसे नासा ने स्वीकार किया था. पांचों छात्रों ने हवाई विश्वविद्यालय अमेरिका के पेन-स्टार्स टेलीस्कोप की सहायता से इस ग्रह की खोज की थी.


छात्रों ने भौतिक विज्ञानी डॉ. आलोक सागर गौतम के नेतृत्व में लगातार एक महीने तक शोध कार्य करने के बाद इसे खोजा और खोजे गए चार ऐस्टरॉइड्स की रिपोर्ट नासा को भेजी. इसमें से एक रिपोर्ट को नासा ने प्रारंभिक खोज के रूप में स्वीकार कर लिया.


आने वाला वक्त स्पेस का- संजीव
इस ऐस्टरॉइड को पी-11 एनवाइआइए का नाम दिया गया है. इसका शोध करने वाले छात्र महावीर प्रसाद और संजीव कुमार ने बताया कि अब इसमें आगे का शोध माइनर प्लेनेट सेंटर द्वारा किया जाएगा. बीते साल अक्टूबर में नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) ने अंतरराष्ट्रीय खगोलीय खोज कार्यक्रम के तहत एस्टेरायड्सकी खोज के लिए ऑनलाइन चयन प्रतियोगिता आयोजित की थी.

 

इस बाबत छात्र संजीव कुमार ने बताया कि आने वाला वक्त स्पेस का है, ऐसे में हम जितना स्पेस को समझेंगे वो उतना ही उपयोगी होगा. 

 

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