Suar Bypoll: स्वार में बीजेपी गठबंधन ने मुस्लिम उम्मीदवार पर लगाया दांव तो सपा ने चला 'हिन्दू कार्ड', जानें- कौन पड़ेगा भारी?
Suar Bypoll 2023: स्वार सीट पर सपा और बीजेपी एकदम बदली रणनीति अपना रहे हैं. जहां बीजेपी ने ये सीट अपना दल एस को दी है और मुस्लिम प्रत्याशी को खड़ा किया है तो वहीं सपा ने हिन्दू कार्ड खेला है.
Suar Bypoll 2023 Date: उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव के साथ-साथ दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं. इनमें मिर्जापुर (Mirzapur) की छानबे सीट और रामपुर (Rampur) की स्वार सीट (Suar Seat) शामिल है. इस बार स्वार सीट पर सियासी दल बिल्कुल बदली हुई रणनीति अपना रहे हैं. खासतौर से बीजेपी और समाजवादी पार्टी जहां बीजेपी ने यह सीट अपने सहयोगी अपना दल एस को दी है और वहां अपना दल ने पसमांदा समाज से आने वाले शफीक अहमद को उतारा है तो वहीं सपा ने 21 साल बाद हिंदू कार्ड खेला है और अनुराधा को टिकट दिया है.
रामपुर की स्वार सीट पर विधानसभा के उपचुनाव के लिए 10 मई को वोटिंग होनी है यह सीट अब्दुल्लाह आजम की सदस्यता रद्द होने के बाद खाली हुई पहले माना जा रहा था कि इस सीट पर आजम खान के परिवार से ही कोई सपा उम्मीदवार हो सकता है, लेकिन नामांकन के आखिरी दिन तक आजम खान ने वहां के उम्मीदवार को लेकर अपना कोई भी संदेश पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को नहीं भेजा, इस चुनाव को लेकर वो बिल्कुल साइलेंट मोड में चले गए और फिर लंबे इंतजार के बाद नामांकन के आखिरी दिन सपा ने जिला पंचायत सदस्य अनुराधा चौहान को टिकट दे दिया.
आजम परिवार ने स्वार सीट से बनाई दूरी
दरअसल माना जा रहा है कि जिस तरह से पहले रामपुर में हुए लोकसभा के उपचुनाव और फिर खुद आजम खान की सीट पर हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी को हार झेलनी पड़ी इसी के चलते आजम खान ने अपने आप को इस उपचुनाव से अलग कर लिया, हालांकि 21 साल बाद सपा ने इस सीट पर किसी मुस्लिम उम्मीदवार की बजाय किसी हिंदू उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतारा है. इसे सपा की बदली रणनीति का ही हिस्सा माना जा रहा है
स्वार सीट पर जहां मुस्लिम आबादी लगभग 60 फीसदी है वहां सपा ने हिंदू कार्ड खेल कर बीजेपी के कोर वोट को अपने पाले में लाने की कोशिश की है तो वहीं बीजेपी ने यह सीट एक बार फिर गठबंधन के अपने सहयोगी अपना दल एस को दे दी और अपना दल एस ने यहां पसमांदा समाज से आने वाले पार्टी के नेता को उम्मीदवार बनाया है. ऐसे में अब स्वार में दिलचस्प लड़ाई देखने को मिल सकती है. हालांकि सरकार के मंत्री साफ तौर पर कह रहे हैं कि बीजेपी सभी समाज को साथ लेकर चलती है किसी जाति या धर्म को देखकर टिकट नहीं देती है.
सपा और बीजेपी ने बदली रणनीति
रामपुर में जब आजम खान के लोकसभा सदस्यता छोड़ने के बाद लोकसभा सीट पर उपचुनाव हुए तब वहां आजम खां के करीबी आसिम रजा सपा के उम्मीदवार बने, लेकिन तब जीत बीजेपी के घनश्याम लोधी को मिली जो मुस्लिम बहुल इलाके में चौकानेवाले परिणाम थे फिर इसी तरह जब आजम खां की विधानसभा की सदस्यता रद्द हुई तब भी एक बार फिर सपा ने आसिम रजा को ही उम्मीदवार बनाया लेकिन इस बार कायस्थ बिरादरी से आने वाले बीजेपी के उम्मीदवार आकाश सक्सेना चुनाव जीत गए. अब जब स्वार में उपचुनाव की घोषणा हुई तब भी माना जा रहा था कि सपा किसी मुस्लिम और बीजेपी गठबंधन से किसी ओबीसी को टिकट दे सकती है.
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