Terrorist Attack: जम्मू-कश्मीर के राजौरी में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में सूबेदार राम सिंह देश के लिए शहीद हो गए. वह 48 राष्ट्रीय राइफल्स में पोस्टिंग पर थे. राजौरी में सेना का आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन चल रहा था. सुबह तक चले ऑपरेशन में सेना के जवानों ने दो आतंकियों को मार गिराया गया. वहीं तीसरे आतंकी के संदेह में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा था. तभी तीसरे आतंकी ने फायरिंग शुरू कर दी जिसमें सूबेदार राम सिंह घायल हो गए. इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई.


6 महीने बाद होने वाले थे रिटायर
सूबेदार राम सिंह का पार्थिव शरीर शुक्रवार सुबह मेरठ लाया जाएगा. सूबेदार राम सिंह मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल के रहने वाले थे. वे लंबे समय से मेरठ में परिवार के साथ रह रहे थे.  मेरठ में सूबेदार राम सिंह का परिवार गंगानगर के इशापुरम कॉलोनी में रहता है. पौने दो साल से वह राष्ट्रीय राइफल के साथ कार्यरत थे. फरवरी 2022 में वह 30 साल की सेवा के बाद रिटायर होने वाले थे.


परिवार में पसरा मातम
सूबेदार राम सिंह की चार बेटियां व एक बेटा हैं. दो बेटियों की शादी हो चुकी है, जबकि दो बेटियां और बेटा पढ़ाई कर रहा है. पति के शहीद होने की सूचना मिलने के बाद से ही पत्नी अनिता भंडारी का रो रोकर बुरा हाल है. बड़ी बेटियां प्रियंका सिंह और करिश्मा नेगी परिवार को संभालने की कोशिश कर रही है. उनके पिता का भी रोरो कर बुरा हाल है.


राम सिंह के वरिष्ठ साथी रहे सेवानिवृत्त कैप्टन वीर सिंह रावत ने बताया कि शहीद सूबेदार राम सिंह के आतंकी मुठभेड़ में शहीद होने की जानकारी उन्हें बटालियन की ओर से गुरुवार दोपहर बाद मिली. इसके बाद उन्होंने परिवार को भी इसकी जानकारी दी.


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