(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
उत्तराखंड के मंत्री बोले- 'बड़े ह्रदय' के हैं योगी आदित्यनाथ, कांवड़ यात्रा को लेकर नाराज नहीं हो सकते
सुबोध उनियाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 'बडे ह्रदय' के हैं. कांवड़ यात्रा स्थगित करने के उत्तराखंड सरकार के निर्णय से वो नाराज नहीं हो सकते.
Kanwar Yatra 2021: उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 'बडे ह्रदय' के हैं और जनहित में कांवड़ यात्रा स्थगित करने के राज्य सरकार के निर्णय से नाराज नहीं हो सकते. उनियाल ने कहा कि पहले भी सरकार ने इसे रद्द किया था लेकिन कोविड-19 के मद्देनजर जब कांवड़ यात्रा पर पुनर्विचार किया गया तो इसे स्थगित करना उचित समझा गया.
सुबोध उनियाल ने कहा, ''धर्म के प्रति आस्था होनी चाहिए लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि हम आदमी के जीवन के साथ खिलवाड़ करें. इस पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के अलावा प्रधानमंत्री द्वारा भी चिंता प्रकट की गई कि तीसरी लहर आने की आशंका है. इस स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने जनहित में कांवड़ यात्रा को स्थगित किया है.'' यह पूछे जाने पर कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड सरकार के कांवड़ यात्रा स्थगित करने के निर्णय से नाराज हैं, उनियाल ने कहा, ''योगी जी बडे ह्रदय के आदमी हैं, इससे वह कभी नाराज नहीं हो सकते.''
देवस्थानम बोर्ड पर पुनर्विचार होगा- उनियाल
कांवड़ियों के राज्य में प्रवेश को रोकने के लिए प्रदेश सरकार की रणनीति पूछे जाने पर मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार उत्तर प्रदेश के साथ ही सभी पड़ोसी राज्यों से इस बारे में बात कर रही है जिससे कांवड़ियों को मूल स्थान पर ही रोक दिया जाए. मंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार चार धाम देवस्थानम बोर्ड पर पुनर्विचार करेगी.
एक सवाल के जवाब में उनियाल ने कहा कि राज्य सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि देवस्थानम बोर्ड पर पुनर्विचार होगा. प्रदेश में स्थित चारों हिमालयी धामों- बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के पुजारी शुरू से ही बोर्ड के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं और उनका कहना है कि मंदिरों का प्रबंधन बोर्ड को सौंपना उनके अधिकारों का हनन है. पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल में एक अधिनियम के माध्यम से देवस्थानम बोर्ड का गठन किया गया था जिसे चारों धामों सहित प्रदेश के 51 मंदिरों के प्रबंधन का जिम्मा सौंपा गया.
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