Sunil Dutt के साथ बचपन में हुआ था ऐसा दर्दभरा हादसा, पांच साल की उम्र में झेला ये दर्द
आज सुनील दत्त की 15वीं पुण्यतिथि है। वहीं सुनील दत्त के बेटे संजय दत्त ने सोशल मीडिया पर एक पुरानी वीडियो शेयर करके श्रद्धांजलि दी।
हिंदी सिनेमा में कई ऐसे एक्टर है जिन्होंने न र्सिफ अपनी एक्टिंग से बल्कि अपने खूबसूरती से भी लोगों का दिल जीता है। बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता सुनील दत्त को उनकी बेहतरीन एक्टिंग से हमेशा याद किया जाएगा। सुनील दत्त ने अपने करियर में कई सुपरहिट फिल्में दी है, जिन्हें आज भी देखा जाता है।
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सुनील दत्त की असल जिंदगी भी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं थी। सुनील का जन्म ब्रिटिश भारत में पंजाब राज्य के झेलम जिला स्थित खुर्दी नामक गाँव में हुआ था। ये गांव अब पाकिस्तान मे है। बंटवारे के दौरान उन्होंने न र्सिफ बटवारे का दर्द झेला बल्कि अपनो से जुदा होने का भी गम देखा है। आपको बता दें, सुनील दत्त ने भारत-पाकिस्तान के बंटवारे में 5 साल की उम्र में अपने पिता तो खो दिया था और इस दर्द ने सुनील दत्त को अंदर से तोड़ दिया था। फिर उनके बाद सुनील दत्त को पूरा परिवार भारत आ गया था।
सुनील दत्त ने जिंदगी के कई साल हरियाणा में बिताए और उनके कैरियर की शुरुआत रेडियो सीलोन पर, जो कि दक्षिणी एशिया का सबसे पुराना रेडियो स्टेशन है। वहां उनको काफी लोकप्रियता हासिल हुई। इसके बाद उन्होंने हिन्दी फिल्मों में अभिनय करने की ठानी और बम्बई आ गये।
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1955 मे बनी "रेलवे स्टेशन" उनकी पहली फिल्म थी पर 1957 की 'मदर इंडिया' ने उन्हें बालीवुड का फिल्म स्टार बना दिया। डकैतों के जीवन पर बनी उनकी सबसे बेहतरीन फिल्म मुझे जीने दो ने साल 1964 का फिल्मफेयर का सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार जीता। उसके दो ही साल बाद ही 1966 में खानदान फिल्म के लिये उन्हें फिर से फिल्मफेयर का सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार प्राप्त हुआ।