UP News: सूफी इस्लामी बोर्ड का समान नागरिक संहिता कानून को समर्थन, सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क का ये है रुख
Sufi Islamic Board on Uniform Civil Code: पसमांदा मंसूरी समाज के नेता सलाउद्दीन मंसूरी का कहना है कि अगर समान नागरिक संहिता कानून लागू करने की बात होगी तो इससे बीजेपी को चुनावी नुकसान होगा.
Uniform Civil Code News: देश में समान नागरिक संहिता कानून लागू करने के मसौदे का मुस्लिम समाज ने विरोध करना शुरू कर दिया है. सपा सांसद डॉ शफीकुर्रहमान बर्क, जमियत उलेमा ए हिन्द और पसमांदा समाज के नेता इसे बीजेपी का चुनावी हथकंडा बताते हुए विरोध कर रहे हैं तो वहीं सूफी इस्लामी बोर्ड ने देश में समान नागरिक संहिता कानून लाये जाने का समर्थन कर दिया है.
यूपी के संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद डॉक्टर शफीकुर्रहमान बर्क का कहना है कि वह समान नागरिक संहिता कानून का विरोध करते रहे हैं और इसका विरोध जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि धार्मिक कानून में दखलअंदाजी नहीं होने दी जाएगी, मुसलमान शरीयत के कानून को मानते हैं निकाह, तलाक और इद्दत मजहबी कानून है. वह जैसे हैं वैसे ही रहने चाहिए, धार्मिक कानून पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. मजहबी परंपराएं जिस तरह से हैं वैसे ही रहनी चाहिए. यह लोग समान नागरिक संहिता कानून लागू न कर पाएंगे और न हम इस कानून को आने देंगे.
सपा सांसद ने कहा कि मैंने पहले भी कहा था कि लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाई न जाए इससे आवारगी बढ़ेगी. मैं आज भी इसी पर कायम हूं मेरी राय है कि लड़कियों की शादी की उम्र जो पहले से चल रही थी वही रहनी चाहिए और वह ही बेहतर है. समान नागरिक संहिता कानून के मुद्दे पर जमीअत उलमा ए हिंद का साफ तौर पर कहना है कि वह इसका पहले से विरोध करते आए हैं और विरोध करते रहेंगे. भारतीय जनता पार्टी इसे 2024 के लोकसभा चुनाव में वोटों का ध्रुवीकरण करने के लिए उछाल रही है. क्योंकि संघ कह चुका है कि मोदी या हिंदुत्व के नाम पर 2024 का चुनाव जीतना संभव नहीं है. इसलिए बीजेपी के नेता अपने चुनावी लाभ के लिए इस तरह की बातें कर रहे हैं. देश में इस तरह का कानून लागू नहीं किया जा सकता और हम इसका विरोध करेंगे.
पसमांदा समाज बीजेपी से दूर चला जाएगा
वहीं पसमांदा मंसूरी समाज के नेता सलाउद्दीन मंसूरी का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी से मुस्लिम जुड़ने शुरू हो गए थे और पिछले नगर निकाय चुनाव में उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में मुस्लिमों ने बीजेपी को वोट भी किया है. हालांकि अब अगर समान नागरिक संहिता कानून लागू करने की बात होगी तो इससे बीजेपी को चुनावी नुकसान होगा और जो पसमांदा समाज बीजेपी से जुड़ा था वह बीजेपी से दूर चला जाएगा. इसलिए इस तरह के कानून की बात नहीं होनी चाहिए, बल्कि हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सब को साथ लेने की बात बीजेपी सरकार को करनी चाहिए.
अच्छे कानून का स्वागत होना चाहिए
मुस्लिम नेताओं के बड़े विरोध के बीच यूपी इस्लामी बोर्ड के राष्ट्रीय प्रवक्ता कशिश वारसी का कहना है कि अगर बीजेपी सरकार देश हित में कोई अच्छा कानून ला रही है तो उसका स्वागत होना चाहिए. कशिश वारसी ने कहा कि अगर देश में समान नागरिक संहिता कानून लागू होता है तो वह इसका स्वागत करेंगे और अभी सरकार ने सबसे राय मांगी है तो इसमें विरोध नहीं करना चाहिए. जो लोग विरोध कर रहे हैं वह गलत कर रहे हैं, सूफी इस्लामी बोर्ड समान नागरिक संहिता कानून का समर्थन करता है.