UP Politics: उत्तर प्रदेश में पीलीभीत (Pilibhit) से बीजेपी (BJP) सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) के कांग्रेस (Congress) में शामिल होने को लेकर अटकलें चल रही हैं. हालांकि वरुण गांधी अगर कांग्रेस में जाते हैं तो सबसे बड़ा सवाल उनका मां और सुल्तानपुर (Sultanpur) से सांसद मेनका गांधी (Maneka Gandhi) को लेकर भी होगा. इसकी वजह है कि वरुण गांधी का करियर मां के बीजेपी में शामिल होने के बाद ही शुरु हुआ था. ऐसे में हम एक नजर मेनका गांधी के राजनीतिक करियर पर डालते हैं.
मेनका गांधी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की बहू और कांग्रेस नेता संजय गांधी की पत्नी हैं. इनकी गिनती बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं में होती है. हालांकि इससे पहले संजय गांधी के निधन के बाद सोनिया गांधी से उनके रिश्ते अच्छे नहीं रहे. तब उन्होंने कांग्रेस से अलग हो कर राष्ट्रीय संजय मंच बनाया था. 1984 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से अलग होकर उन्होंने पहली बार निर्दलीय चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
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कब बीजेपी में हुई थीं शामिल
इसके बाद 1988 में मेनका गांधी जनता दल में शामिल हो गईं. तब 1989 में पीलीभीत से जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़ा और सांसद बनीं. इसके बाद 1996 में वो दूसरी बार पीलीभीत से चुनाव लड़ीं और जीत दर्ज की. इसके बाद से मेनका गांधी कभी चुनाव नहीं हारी हैं. लेकिन इस बीच वे 1998 में निर्दलीय चुनाव लड़ीं थी और जीत दर्ज की थी. वो 1996 से अभी तक लगातार सात बार लोकसभा सदस्य रह चुकी हैं. लेकिन बीजेपी के साथ उनका सफर 2004 में शुरू हुआ.
2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें पीलीभीत के जगह वरुण गांधी के लोकसभा क्षेत्र सुल्तानपुर से टिकट दिया गया. पिछले लोकसभा चुनाव में मेनका गांधी सुल्तानपुर से सांसद चुनी गई हैं. खास बात ये है कि मेनका गांधी का जानवरों के प्रति खासा प्रेम रहा है. कई मौकों पर उन्हें जानवरी के अधिकारों के लिए अपनी बात रखी है.