Sultanpur News: उत्तर प्रदेश स्थित सुल्तानपुर को दिन दहाड़े दहलाने वाली डकैती के एक आरोपी को यूपी पुलिस की एसटीएफ ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया. पुलिस के मुताबिक आरोपी मंगेश यादव को जब एसटीएफ ने घेरा तो उसने फायरिंग कर दी. जवाबी कार्रवाई में मंगेश गंभीर रूप से जख्मी हो गया और बाद में अस्पताल में दम तोड़ दिया. जौनपुर के रहने वाले मंगेश यादव पर 1 लाख का इनाम था. 28 अगस्त को सुल्तानपुर के व्यस्त ठठेरी बाजार में एक सर्राफा कारोबारी की दुकान में डकैती हुई थी. 5 अपराधियों ने तमंचे लहराकर यहां 1 करोड़ चालीस लाख की जूलरी और कैश लूट लिया था.


इस वारदात के तीन आरोपियों सचिन सिंह, पुष्पेंद्र सिंह और त्रिभुवन उर्फ लाला को पुलिस ने 3 दिन पहले ही गिरफ्तार किया था. पुलिस ने तब एनकाउंटर के दौरान गिरफ्तार किए जाने की बात कही थी जबकि अब चौथे आरोपी मंगेश यादव को मुठभेड़ में ढेर कर दिया है.  कहने को तो ये यूपी पुलिस का एक एनकाउंटर भर है लेकिन अब इस पर राजनीतिक एनकाउंटर शुरू हो गया है. 


समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर लिखा कि -लगता है सुल्तानपुर की डकैती में शामिल लोगों से सत्ता पक्ष का गहरा संपर्क था, इसीलिए तो नक़ली एनकाउंटर से पहले ‘मुख्य आरोपी’ से संपर्क साधकर सरेंडर करा दिया गया और अन्य सपक्षीय लोगों के पैरों पर सिर्फ़ दिखावटी गोली मारी गयी और ‘जात’ देखकर जान ली गयी. 
 
अखिलेश के बयान पर सियासी भिड़ंत 
अखिलेश के इस बयान पर आर-पार की सियासी भिड़ंत शुरू हो गई. सपा प्रवक्ता सुनील यादव ने कहा कि आज यूपी में जाति देखकर एनकाउंटर हो रहा है. संविधान को खत्म करने की कोशिश की जा रही है.


बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि जाति समाजवादी पार्टी के लोग पूछते हैं. हमारी सरकार में अपराधी का जाति, मत और संप्रदाय नहीं होता.बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि हर एनकाउंटर के बाद अखिलेश जी बैचेन हो जाते हैं. अपराधी के सजातीय होने पर अखिलेश जी को ज्यादा दर्द होता है. योगी सरकार में अपराधियों पर रहमदिली नहीं है.


यूपी सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि अखिलेश यादव का सजातीय मंगेश यादव अगर मारा गया है तो उन्हें पहले से मंगेश को सरेंडर कराना देना चाहिए था. पुलिस पर अगर कोई गोली चलाएगा तो पुलिस माला नहीं पहनाएगी. जिस तरह अखिलेश अपनी सरकार में अपराधियों के पक्ष में खड़े थे, वो आदत अब तक गई नहीं.


अखिलेश ने पूरे एनकाउंटर पर और भी सवाल खड़े कर दिए. सोशल मीडिया पर ये भी लिखा कि भाजपा राज अपराधियों का अमृतकाल है. जनता सब समझती है कि कैसे कुछ लोगों को बचाया जाता है और कैसे लोगों को फंसाया जाता है. घोर निंदनीय! 


ऐसा पहली बार नहीं हुआ है...
समाजवादी पार्टी के मुखिया के इस बयान पर बीजेपी बिफर उठी तो इंडिया गठबंधन के नेता अखिलेश के साथ खड़े हो गए. कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि अखिलेश यादव पूर्व मुख्यमंत्री हैं. उन्होंने जो सवाल उठाए हैं. उसका जवाब सरकार को देना चाहिए. स्थिति स्पष्ट होनी चाहिए. कांग्रेस सांसद नासिर हुसैन ने कहा कि एनकाउंटर और बुलडोजर हिटलर और मुसोलनी की विचारधारा है. हम इसका विरोध करते हैं. सीएम खुदा नहीं होता. 


ऐसा पहली बार नहीं है जब यूपी की सियासत में किसी वारदात के आरोपी की जाति का मुद्दा उछला हो. लखनऊ में बीती बारिश के दौरान गोमतीनगर में छेड़खानी के मामले में भी विधानसभा से सड़क तक जाति का सवाल उठा था. आरोपियों में से एक को अखिलेश ने सपा मुख्यालय में भी बुलाया था.