Sultanpur Encounter: सुल्तानपुर में मंगेश यादव एनकाउंटर मामले में परिजनों ने यूपी पुलिस और एसटीएफ पर गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं. मंगेश की बहन प्रिंसी यादव का दावा है कि जिस दिन लूट की घटना को अंजाम दिया गया उस दिन मंगेश घर पर ही था और वो उसके साथ स्कूल की फीस जमा कराने गया था. बहन ने बताया कि मंगेश को सोमवार रात को ही पुलिस ले गई थी. दो दिन बाद पुलिस ने बताया कि मंगेश की मौत हो गई है. 


मंगेश यादव की बहन प्रिंसी यादव ने यूपी तक से बातचीत में कहा कि जिस दिन लूट हुई मंगेश हमारे साथ थे और वो स्कूल में फीस जमा कराने गए थे. प्रिंसी ने कहा कि हम फीस का कार्ड लाना भूल गए थे, इसके बाद वो फीस कार्ड लाए. जब दोपहर दो बजे बहन घर पहुंची तब भी मंगेश घर पर ही था. मां ने कहा कि सुबह से कहीं नहीं गया है. 


बहन ने बताई लूट वाले दिन की सच्चाई
मंगेश की बहन ने कहा कि हमें पूरी यक़ीन है कि वो लूट में शामिल नहीं था. सोमवार की रात दो बजे पुलिस हमारे घर पीछे की ओर से आई थी. भाई घर के बाहर ही सो रहा था, पुलिसवालों ने उसे थप्पड़ मारा और जब हम बाहर आए तो पुलिसवालों ने कहा कि हम इसे पूछताछ के लिए लेकर जा रहे हैं फिर छोड़ देंगे. 


प्रिंसी ने बताया कि जब हमने उन्हें रोकने की कोशिश की तो महिला पुलिसकर्मियों ने कहा कि तुम ज़्यादा बोलोगे तो तुम्हें मारेंगे. फिर उन्होंने घर का ताला खुलवाया और अंदर गए तो घर का तलाशी ली. इसके बाद पुलिस ने भाई और मेरा फोन भी ले लिया. पुलिस ने कुछ वीडियो भी बनाए. और फिर प्रिंसी का फोन वापस कर दिया लेकिन भाई को फोन लेकर चले गए. बहन ने कहा कि हमने गाँववालों को भी नहीं बताया क्योंकि हमें लगा कि जब मंगेश ने कुछ किया ही नहीं है तो पुलिस उसे छोड़ ही देगी. 


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प्रिंसी ने कहा कि दो दिन जब उसका एनकाउंटर हो गया जब हमें पता लगा. दो-तीन पुलिसवाले घर आए थे. उन्होंने मां से कहा कि आपका बेटा मर गया है. जाकर देख लीजिए नहीं तो यहां नहीं लाएंगे. वो अगर लूट करता तो हम लोग ऐसे घर में रहते? हमारे पास भी घर होता..गाड़ी होती. आपको बताते हैं कि मंगेश यादव के परिवार ने एनकाउंटर को लेकर पुलिस की भूमिका पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. जिसके बाद इस मामले पर जमकर सियासत देखने को मिल रही है.