Sultanpur News: सुल्तानपुर में रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया वनरक्षक, वीडियो वायरल, डीएम ने जांच के दिए आदेश
UP News: यूपी के सुल्तानपुर में वनरक्षक पेड़ काटने वालों से रिश्वत लेते कैद हुआ है. फिलहाल मामले की जानकारी मिलते ही जिलाधिकारी ने जांच के आदेश दे दिए हैं.
Sultanpur News: सुल्तानपुर में वनरक्षक के एक वायरल वीडियो से हड़कंप मचा हुआ है. इस वीडियो में वन रक्षक पेड़ काटने वालों से रिश्वत लेते कैद हुआ है. फिलहाल मामले की जानकारी मिलते ही जिलाधिकारी ने जांच के आदेश दे दिए हैं, साथ ही कड़ी कार्रवाई की बात कह रहे हैं. दरअसल, नरेंद्र सिंह नाम का व्यक्ति वन विभाग में वन रक्षक के पद पर तैनात है. पिछले दिनों एक वीडियो से हड़कंप मचा हुआ था, जिसमें नरेंद्र मां बहन बेटियों की इज्जत तार तार करता नजर आ रहा था. जिसके बाद इसे धनपतगंज से हटाकर लंभुआ अटैच कर दिया गया था.
क्या है पूरा मामला?
बहरहाल इस बार वन रक्षक अलीगंज के पास दाउदपुर बाजार में अवैध पेड़ काटने वालों से रिश्वत लेते कैमरे में कैद हुए है. दिलचस्प बात यह है कि नरेंद्र 15 हज़ार रिश्वत के गिन रहा था और पैसे देने वाला इसकी करतूत मोबाइल में कैद कर रहा था. हैरानी की बात तो ये है कि जब इसकी तैनाती लंभुआ में हुई तो ये अलीगंज में कैसे पैसे रिश्वत ले रहा है. बहरहाल इस मामले में रेंजर ने साफ कह दिया कि उसकी तैनाती लंभुआ में है, बाकी कुछ नही पता. वहीं जिलाधिकारी ने मामला संज्ञान में आते ही जांच के आदेश दे दिए हैं और कड़ी कार्रवाई की बात कह रहे हैं.
जांच के बाद कठोर होगी कठोर कार्रवाई
वहीं रेंजर सदर शिवशंकर सिंह का कहना है कि नरेंद्र सिंह इस समय हमारे यहां नहीं हैं. इनको डीएफओ साहब द्वारा सुल्तानपुर रेंज से लंभुआ रेंज में सम्बद्ध कर दिया गया है और उसी आदेश के क्रम में मेरे द्वारा इनको सुल्तानपुर रेंज से रिलीफ कर दिया गया है, वहां ज्वाइन किए या नहीं किए इसकी हमें जानकारी नहीं है. ये अवकाश पर चले गए तो इनके घर के पते पर सूचना भेज दी गई. मैंने डीएफओ साहब को इस बात से सूचित भी कर दिया है, अब ये हमारे यहां नहीं हैं इनसे हमें कोई लेना देना नहीं है.
जिलाधिकारी रवीश गुप्ता का कहना है कि मामला हमारे संज्ञान में आया है पहले भी अशोभनीय टिप्पणी करने के संबंध में इनको पद से हटाया गया था, अब इसको चेक करवा रहे हैं कि ये वीडियो उससे पहले का है या बाद का है. हालांकि साक्ष्य से साथ है तो इस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी, इसमें डीएफओ को निर्देशित किया जा रहा है, रिपोर्ट लेकर इनके नियुक्ति प्राधिकारी को भेजी जाएगी और कठोर कार्रवाई की जाएगी.
ये भी पढ़ें:-