Sultanpur News: सुल्तानपुर में प्रिंसिपल का कारनामा, स्कूल अस्तित्व में नहीं और कर दिया बड़ा घोटाला, जानें- मामला?
Sultanpur News: खबर के मुताबिक आरोपी प्रधानाध्यापक ने गलत तरीके से स्कूल के कम्पोजिट ग्रांट और कन्वर्जन कास्ट का पैसा निकाल लिया. उसने ये सब तब किया जब स्कूल अस्तित्व में भी नहीं था.
Sultanpur News उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर (Sultanpur) में बेहद गंभीर मामला सामने आया है जहां एक स्कूल के प्रधानाध्यापक ने स्कूल के कंपोजिट ग्रांट (Composite Grant) और कन्वर्जन कॉस्ट ( Conversion Cost) का पैसा हजम कर लिया वो भी तब जब कि स्कूल अस्तित्व में ही नहीं है. इनकी कहानी भी जब आपको पता चलेगी तो आप भी हैरान रह जाएंगे. वैसे तो ये प्रधानाध्यापक, शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष भी हैं, लेकिन बच्चों को नैतिक और सदाचार का ज्ञान देने की बजाय ये खुद ही भ्रष्टाचार में लग गए. बहरहाल मामला आलाधिकारियों के संज्ञान में आया तो पिछले 5 महीनों से सिर्फ जांच पर जांच का खेल ही खेला जा रहा है.
दरअसल, ये मामला है धनपतगंज ब्लाक के मझवारा ग्राम सभा के पूरे मधुकरा गांव का है. इसी गांव का प्राथमिक विद्यालय पूर्वांचल एक्सप्रेस मार्ग में आने के चलते फरवरी 2018 में ध्वस्त कर दिया गया था. विद्यालय अस्तित्व में नही था, लिहाजा गांव के ही बाग में बच्चों को पढ़ाने का काम शुरू कर दिया गया. प्रधानाध्यपक एवं शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद पांडेय की अगुवाई में करीब 2 साल तो बाग में ही बच्चों की कक्षाएं चली, फिर कोरोना के चलते विद्यालय बंद कर दिया गया. अभी कुछ दिनों पहले ही विद्यालय की नई बिल्डिंग बनी तो बिना प्लास्टर और फर्श के ही बच्चों को उसमें शिफ्ट कर शिक्षण कार्य शुरू करवा दिया गया है.
पांच महीनों से जारी है जांच का खेल
इस पूरे मामले में हैरानी की ये बात है कि जह स्कूल अस्तित्व में ही नहीं था, तब भी प्रधानाध्यापक एवं शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय ने इस दौरान स्कूल के कम्पोजिट ग्रांट और कन्वर्जन कास्ट का पैसा निकाल लिया. इसकी जानकारी जब शिक्षा विभाग के आलाधिकारियों को लगी तो उन्होंने आनन फानन 8 सितम्बर 2022 को मामले की जांच बैठा दी, लेकिन जांच में संशोधन करते हुए 15 सितंबर को बेसिक शिक्षा अधिकारी ने वित्त एवं लेखाधिकारी, भदैयाँ एवं कूरेभार के खण्ड शिक्षा अधिकारियों को जांच सौंपी.
ये जांच तीन महीने तक चलती रही, लेकिन सुस्पष्ट आख्या न होने पर पुनः 30 दिसंबर को बेसिक शिक्षा अधिकारी ने आंशिक संशोधन करते हुए सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी समग्र शिक्षा के साथ साथ कूरेभार और भदैयाँ के खंड शिक्षा अधिकारी को सौंपी दी गई. तब से अब तक जांच का खेल खेला जा रहा है. अब भी करीब 3 हफ्ते बीतने को हैं, लेकिन जांच के नाम पर कुछ भी नही हुआ. बहरहाल जब इस मामले में जिलाधिकारी से बात की गई तो उन्होंने भी जांच करवाकर कड़ी कार्रवाई की बात कही है.
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