UP News: सुल्तानपुर के बहुचर्चित मुस्कान टावर को धराशाही करने के पुराने आदेश का पालन करने को कहा गया है. करीब 8 साल पहले बने मुस्कान टावर में बैंक सहित कई कार्यालय भी संचालित हैं. ऐसे में एसडीएम के इस आदेश के बाद से हड़कंप मचा हुआ है. इस बहुमंजिला मुस्कान टॉवर कॉम्प्लेक्स का निर्माण बनकेपुर गांव के रहने वाले मोहम्मद अली एवं उनकी पत्नी शहनाज बेगम ने सुल्तानपुर के मेजरगंज स्थित माल गोदाम रोड के पास करवाया था.
कॉम्प्लेक्स के लिए विनियमित क्षेत्र से नक्शा तो पास करवाया गया लेकिन निर्माण के दौरान नियमों को ताक पर रख दिया गया. विनियमित क्षेत्र द्वारा इस मुस्कान टावर के लिए जो नक्शा स्वीकृत किया गया, मोहम्मद अली और शहनाज बेगम ने उसे दरकिनार कर दिया. इतना ही नहीं अग्निशमन विभाग भी लगातार इन मानकों को पूरा करने के लिए नोटिस देता रहा, लेकिन पति-पत्नी ने उस पर ध्यान नहीं दिया.
बिल्डिंग को लेकर 2016 में की गई थी शिकायत
बिल्डिंग गिराने के आदेश तब दिए गए जब शास्त्री नगर के रहने वाले शेर सिंह यादव किसी कार्य से इसी मुस्कान टावर स्थित पंजाब नेशनल बैंक गए हुए थे, उसी दौरान बैंक में शार्ट सर्किट होने लगी. शेर सिंह ने निकलने का प्रयास किया तो गेट में फंसकर उलझ कर गिर पड़े. इसी बात को लेकर शेर सिंह ने तत्कालीन एसडीएम सदर से इसकी शिकायत की. एसडीएम ने जब जांच करवाई तो पूरा मामला सामने आने लगा. विनियमित क्षेत्र एवं अग्निशमन विभाग की कमियां उजागर होता देख तत्कालीन एसडीएम रतिभान वर्मा ने 20 मई 2016 को मुस्कान टावर को धराशाई करने का निर्देश दिया.
2016 से अब तक करीब 6 साल बीत चुके हैं, लेकिन मामला ज्यों-का-त्यों पड़ा हुआ था. लेकिन जनहित में शेर सिंह यादव ने हार नहीं मानी और वह इसके लिए लड़ते रहे. वहीं, मौजूदा एसडीएम एसडीएम सदर सी पी पाठक ने 20 मई 2016 के आदेश के अनुपालन के लिए सप्ताह भर का समय दिया है.
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