बरेली: लव जिहाद को लेकर आला हजरत दरगाह से फतवा जारी किया गया है. राष्ट्रीय सुन्नी उलेमा काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना अहमद कादरी ने कहा कि जबरन निकाह और धर्मांतरण इस्लाम में गुनाह है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि संदिग्ध गतिविधियां करने वाले इस्लाम से खारिज होंगे. मौलाना ने साफ कहा कि लालच देकर या जबरन धर्म परिवर्तन कराना नाजायज है. यह फतवा सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ.


क्या लव जिहाद का कोई वजूद है?


राष्ट्रीय सुन्नी उलेमा काउंसिल के मुखिया ने दरगाह आला हजरत परिसर में स्थित मरकज-ए-दारुल इफ्ता के मुफ्तियों से सवाल पूछा, ‘‘क्या कोई मुस्लिम लड़का किसी गैर मुस्लिम लड़की से शादी करने के लिए फरेब यानी धोखाधड़ी करके उसका मजहब बदलवा सकता है? इसके अलावा क्या शरीयत में लव जिहाद का कोई वजूद है?’’


इस तरह दिया फतवा


इसके जवाब में दारुल इफ्ता के अध्यक्ष मुफ्ती मुसीबुर्रहमान रजवी ने फतवा दिया है. फतवे में कुरान और शरीयत की रोशनी में कहा गया है कि लालच देकर या जबरन धर्म परिवर्तन कराना नाजायज है. दारुल इफ्ता के उलमा ने प्रदेश सरकार द्वारा गलत तरीके से धर्म परिवर्तन कराये जाने के खिलाफ लाये गये अध्यादेश का समर्थन किया है.


गौरतलब है कि, उत्तर प्रदेश में 'लव जिहाद' के खिलाफ कानून बनाया गया है. इसके तहत जो कोई धर्म परिवर्तन करना चाहता है, उसे दो महीने पहले डीएम को नोटिस देना होगा. इस नोटिस पर पुलिस जांच-पड़ताल करेगी कि कहीं यह धर्म परिवर्तन जबरदस्ती, धोखे से या लालच में तो नहीं करवाया जा रहा है. जांच में ऐसी शिकायत नहीं मिलने पर प्रशासन धर्म परिवर्तन की अनुमति देगा. फिर इसकी जानकारी प्रशासन को देनी होगी.


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