Citizenship Law: नागरिकता कानून (Citizenship Law) को लेकर जब से गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने इसे लागू करने की बात कही है तभी से इसे लेकर देश में एक बार फिर से चर्चा शुरू हो गई है.  सुन्नी उलेमा काउंसिल ने इसे लेकर एक बार फिर से अपना विरोध जाहिर किया है.


सुन्नी उलेमा काउंसिल (Sunni Ulema Council) के राष्ट्रीय महासचिव हाजी मोहम्मद सलीस (Haji Mohammad Salees) का कहना है कि भाजपा के पास कोई मुद्दा नहीं है. बीजेपी के पास भ्रष्टाचार को रोकने और विकास कराने की कोई भी नीति नहीं है और वो मजहबी उन्माद भड़का कर सरकार में फिर से आने के लिए हथकंडे अपना रही है.


उन्होंने कहा कि आरएसएस (RSS) का ये ख्वाब है कि वो भारत को हिंदू राष्ट्र बनाएगी. ऐसे में मुसलमान उनके रास्ते का सबसे बड़ा रोड़ा है. मुसलमान को टॉर्चर करने का कोई भी मौका बीजेपी छोड़ना नहीं चाहती. बीजेपी आज भी दलितों को अपने साथ बिठाने को तैयार नहीं है. 


नागरिकता कानून को लेकर उठाए सवाल
हाजी सलीस ने कहा कि नागरिकता कानून क्यों लाया जा रहा है, बीजेपी (BJP) इसका मकसद बताए. बांग्लादेश (Bangladesh) को बीजेपी ने बनवाया बांग्लादेश के शरणार्थियों को हिंदुस्तान (Hindustan) लाया गया था. उस वक्त क्यों नहीं सोचा गया, आज बांग्लादेश के मुसलमानों की वजह से पूरे देश के मुसलमानों से डाक्यूमेंट्स मांगे जा रहे हैं. ये कोई तरीका नहीं है जिन्होंने बंटवारे के वक्त पाकिस्तान और जिन्ना को ठोकर मार के हिंदुस्तान का चयन किया था आज उनसे सुबूत मांगे जा रहे हैं.


सलीस ने कहा- जिन्होंने खून बहा कर आजादी हासिल की थी उनके खिलाफ आज बड़ा षड्यंत्र किया जा रहा है. हिंदू कौन है जिन्हें आपने अपनी चारपाई पर बैठने का अधिकार तक नहीं दिया जिनको मंदिरों पर जाने नहीं दिया, इनको वेद नहीं छूने दिया. यह एक ड्रामा चल रहा है.


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लाउडस्पीकर विवाद को लेकर कही ये बात
हाजी सलीस ने लाउडस्पीकर को लेकर दायर याचिका पर भी सवाल उठाए और कहा कि जो लोग याचिका कोर्ट जो ले गए वो मूर्ख हैं. जब सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आ चुका है कि साउंड को एक मानक के हिसाब से रखना चाहिए तो मैं इस हिसाब का पक्षधर हूं कि इसका पालन किया जाना चाहिए. साउंड उतना ही हो जिससे किसी दूसरे को तकलीफ ना हो यह सब बेवजह की बातें हैं मुद्दे को तूल देने के लिए. 


सरकार पर लगाया गंभीर आरोप
ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर हाजी सलीस ने कहा कि आज अगर आपके पास ताकत है सत्ता का जोर है, किसी मस्जिद को मंदिर बनाने का इरादा कर लिया है तो कोई बात नहीं, आज हमारे पास ताकत नहीं है लेकिन हम अपनी नस्लों को ये वसीयत कर जाएंगे कि हिंदुस्तान में जिन मस्जिदों को जबरन मंदिर बनाया गया उन्हें पुनः मस्जिद के रूप में स्थापित किया जाए. हमसे बिल्कुल जबर्दस्ती की जा रही है.


सलीस के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि बाबरी मस्जिद के मसले को छोड़कर सभी मस्जिदों को वैसा ही रखने को कहा गया था. यह फैसला संसद में हो चुका है इस पर जमकर सियासत की जा रही है. अजान और हनुमान चालीसा से राक्षस जाति के लोग भागते हैं लेकिन आज यह लोग सत्ता में बैठ कर घबरा रहे हैं. आज उन्हीं को सबसे ज्यादा तकलीफ है जो शैतान प्रवृत्ति के लोग हैं. 


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