लखनऊ, शैलेश अरोड़ा। अयोध्या पर आये सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड रिव्यु पेटिशन दाखिल नहीं करेगा। मंगलवार को हुई सुन्नी वक्फ बोर्ड की बैठक में बहुमत से ये फैसला लिया गया। वहीं आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इसी मामले को लेकर दिसंबर में रिव्यु पेटिशन दाखिल करने की तैयारी में है।


8 में से 7 सदस्य बैठक में शामिल, 6 ने कहा नहीं दाखिल हो रिव्यु पेटिशन
यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ज़ुफर अहमद फारुकी की अध्यक्षता में हुई बैठक एक घंटे से अधिक चली। बैठक में बोर्ड के 8 में से 7 सदस्य ही शामिल हुए। बोर्ड के सदस्य इमरान माबूद खान बैठक में शामिल नहीं हुए। शामिल हुए 7 सदस्यों में 6 ने रिव्यु पेटिशन दाखिल न करने की बात कही। जबकि 1 सदस्य अब्दुल रज़्ज़ाक खान ने रिव्यु पेटिशन फ़ाइल करने के पक्ष में बात रखी।


हम अपने स्टैंड पर कायम
बोर्ड के अध्यक्ष ज़ुफर फारुकी ने कहा कि बहुमत की बात मानते हुए रिव्यु पेटिशन दाखिल न करने का फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा की अधिकतर मुस्लिम संगठनों और पक्षकारों ने कहा था की जो भी फैसला आएगा उसे मानेंगे। हम उस स्टैंड से पीछे नहीं हटे।


5 एकड़ जमीन पर फैसला बाद में
कोर्ट के निर्देश पर मिलने वाली 5 एकड़ जमीन पर बोर्ड ने अभी कोई फैसला नहीं किया है। ज़ुफर फारुकी ने कहा की जिस 5 एकड़ की बात हो रही उसकी बहस हमने शुरू नहीं की थी। ज़मीन पर फैसले को लेकर अलग बैठक बुलाई जायेगी। उसकी तारीख अभी तय नहीं। उस पर विचार कर अपनी राय देने के लिए सदस्यों को अभी और समय की ज़रूरत है।


और यहां रिव्यु पेटिशन का पहला ड्राफ्ट तैयार
वहीँ दुआरी तरफ अयोध्या मसले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड दिसंबर के पहले हफ्ते में रिव्यु पेटिशन दाखिल करने की तैयारी में है। रिव्यु पेटिशन का पहला ड्राफ्ट तैयार हो चुका है।मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जफरयाब जिलानी ने बताया की पहला संशोधित ड्राफ्ट आ चूका है।



कम्युनिटी हमारे साथ, हम उनकी तरफ से दाखिल कर रहे रिव्यु पेटिशन
जफरयाब जिलानी ने सुन्नी वक्फ बोर्ड के फैसले पर कहा की इस देश में सबको अपनी बात कहने की आज़ादी है। वो एक एसोसिएशन जिसे अपनी बात कहने की आज़ादी। सुन्नी बोर्ड के अध्यक्ष तो पहले दिन से कह रहे रिव्यु पेटिशन फ़ाइल नहीं करेंगे। जफरयाब ने कहा की हम जो कर रहे कम्युनिटी के बिहाफ पर कर रहे। कम्युनिटि हमारे साथ है, सुन्नी वक्फ बोर्ड के साथ कितने लोग हैं? जलसा बुला कर देख ले सब पता चल जायेगा कम्युनिटी किसके साथ और क्या चाहती है। उन्होंने कहा की जो बुद्धिजीवी सामने आये हैं वो 1986 से कहाँ थे।