UP 69000 teacher Recruitment 2020: यूपी में इस साल सहायक शिक्षकों की नियुक्ति बढ़े हुए कट ऑफ के आधार पर ही होगी. सुप्रीम कोर्ट ने इस बारे में हाई कोर्ट के फैसले पर मुहर लगा दी है. मामला राज्य में 69000 असिस्टेंट टीचर की नियुक्ति से जुड़ा था. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सभी पदों को भरने का रास्ता साफ हो गया है.
राज्य सरकार ने सहायक शिक्षक नियुक्ति के लिए पहले से घोषित सामान्य वर्ग के 45 और आरक्षित वर्ग के 40 कट ऑफ को बढ़ा कर 65 और 60 कर दिया था. राज्य में पहले से काम कर रहे हज़ारों शिक्षा मित्र इसका विरोध कर रहे थे. उनका कहना था कि स्थायी नौकरी पाने का पहला अधिकार उनका है. राज्य सरकार ने परीक्षा आयोजित करने के बाद चयन के पैमाने में बदलाव किया है. यह न सिर्फ अवैध है, बल्कि शिक्षा मित्रों के अधिकार का हनन भी है.
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कट ऑफ बढ़ाने के फैसले को सही करार दिया था
इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कट ऑफ बढ़ाने के फैसले को सही करार दिया था. इसके बाद इस साल मई में सरकार ने करीब 67000 सफल अभ्यर्थियों की सूची भी जारी कर दी थी. हालांकि, विवाद लंबित रहने के चलते सुप्रीम कोर्ट ने करीब 31000 पदों को ही भरने की अनुमति दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने लगभग साढ़े 37 हज़ार पद खाली रखने को कहा था.
नए कट ऑफ के आधार पर भरे जाएंगे खाली पद
जस्टिस यु यु ललित और एम शांतनागौडर की बेंच ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ शिक्षा मित्रों की अपील पर 24 जुलाई को फैसला सुरक्षित रखा था. आज दिए फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने सभी अपीलों को खारिज कर दिया है. इससे नए कट ऑफ के आधार पर खाली पदों को भरने का रास्ता साफ हो गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में यूपी सरकार के इस हलफनामे को रिकॉर्ड पर लिया है कि नए कट ऑफ की वजह से नौकरी से वंचित रह गए शिक्षा मित्रों को अगले साल एक और मौका दिया जाएगा. कोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार अपने आश्वासन के मुताबिक अगले साल शिक्षा मित्रों को सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्ति का एक अवसर दे.
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