Supreme Court On Bulldozer Action: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार की सुनवाई में बुलडोजर एक्शन पर बड़ा फैसला सुनाया है. अदालत ने इसे कानून का उल्लंघन करार दिया है. अदालत ने कहा कि, किसी भी मामले में आरोपी या दोषी ठहराए जाने पर भी घर तोड़ना सही नहीं है. अदालत के इस फैसले पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है.
बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता मनीष शुक्ला की प्रतिक्रिया आई है. मनीष शुक्ला ने अपने बयान में कहा है कि, सर्वोच्च न्यायालय ने बुलडोजर कार्यवाही पर अपना जो फैसला दिया है उसमें वर्गीकरण साफ किया है. कोई भी आरोपी हत्या, लूट, डकैती, बलात्कार का आरोपी है या सिद्ध है. तब भी इसके विनाह पर उसके मकान, दुकान पर कार्रवाई नहीं हो सकती है.
'सीएम योगी ने कानून सम्मत की बुलडोजर कार्रवाई'
अगर सरकारी, निजी जमीनों पर कब्जा किया गया है, नजूल ग्राम समाज की जमीन पर कब्जा है, पानी के निकासी मार्ग पर कब्जा है, रेल या सड़क मार्ग पर कब्जा है तो एजेंसी अपना काम कर सकती है. आगे कहा कि, योगी आदित्यनाथ सरकार के कार्यकाल में अतिक्रमण के खिलाफ जो भी कार्रवाई हुई हैं. वह कानून सम्मत है, विधिक प्रक्रिया के पालन के उपरांत की गई थी.
अदालत ने कहा कि लोगों के घर सिर्फ इसलिए ध्वस्त कर दिए जाएं कि वे आरोपी या दोषी हैं, तो यह पूरी तरह असंवैधानिक होगा. अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि महिलाएं और बच्चे रातभर सकड़ों पर रहें, यह अच्छी बात नहीं है. कोर्ट ने कहा कि बिना कारण बताओ नोटिस जारी किए बगैर तोड़फोड़ नहीं की जाए और नोटिस जारी किए जाने के 15 दिनों के भीतर भी कोई तोड़फोड़ नहीं की जाए. साथ ही ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की वीडियोग्राफी कराई जाए.
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