UP News: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अब्दुल्ला आजम (Abdullah Azam) के मामले में गुरुवार को मामले की सुनवाई पूरी हो गई है. अब सुप्रीम कोर्ट मामले में अगली सुनवाई 20 सितंबर को होगी. सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता के वकील ने अपनी दलील पूरी की. याचिकाकर्ता ने कहा अब्दुल्ला का प्रमाण पत्र अगर असली होता तो वह दुबारा नगर निगम से क्यों जारी करवाते.


सुप्रीम कोर्ट में अब्दुल्ला आजम के स्वार से निर्वाचन रद्द करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने के मामले में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि असली जन्म प्रमाण पत्र पहले से मौजूद रहा होगा तभी तो डब्लिकेट सर्टिफिकेट क्यों जारी करवाया होगा. याचिककर्ता के वकील ने कहा कि 2015 तक अब्दुल्ला आजम की जन्म तिथि 1993 ही थी इसमें कोई संदेह नहीं है.


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क्या बोले कपील सिब्बल?
याचिककर्ता के वकील ने कहा हाई स्कूल की मार्कशीट में जन्मतिथि को बदलने के 2015 में अर्जी लगाई थी. पासपोर्ट को कैंसिलेशन की प्रक्रिया 2018 में शुरू की गई. यानी चुनाव याचिका दाखिल होने के बाद, 2014 में USA जाने के लोई वीजा हासिल किया था. पहले वाले पासपोर्ट में 1993 जन्म तिथि लिखी हुई थी, 25 साल तक अपनी आयु की तारीख 1993 ही बताई थी.


अब्दुल्ला आजम की तरफ से वकील कपिल सिब्बल ने कहा हमको जन्म प्रमाण के लिए पेश किए गए दस्तावेज पर कोई आपत्ति नहीं है. हम उसपर दर्ज जन्मतिथि पर आपत्ति है. अब्दुल्ला आजम की तरफ से वकील कपिल सिब्बल ने कहा यह दस्तावेज का मुद्दा नहीं है. यह उनपर दर्ज जन्म तिथि का मुद्दा है. याचिकाकर्ता यह नहीं कह सकता है कि दस्तावेजों पर दर्ज तिथि सही है.


अब्दुल्ला आजम की तरफ से वकील कपिल सिब्बल ने कहा याचिकाकर्ता से पूछिये की हमने कभी नहीं माना कि अब्दुल्ला आजम की जन्म तिथि 1993 है, याचिकाकर्ता इसको कोई जवाब दे पाएगा.


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