योगी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका, डॉ. कफील खान की रिहाई के खिलाफ याचिका खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने गोरखपुर के बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज से निलंबित डॉक्टर कफील खान के मामले में दायर याचिका को खारिज कर दिया है.
![योगी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका, डॉ. कफील खान की रिहाई के खिलाफ याचिका खारिज Supreme Court dismisses an appeal of UP government against the Allahabad High Court order in doctor kafeel khan matter योगी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका, डॉ. कफील खान की रिहाई के खिलाफ याचिका खारिज](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/09/02124032/kafeel-khan-1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नई दिल्ली. यूपी की योगी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने गोरखपुर के बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज से निलंबित डॉक्टर कफील खान के मामले में दायर याचिका को खारिज कर दिया है. राज्य सरकार ने कफील खान के खिलाफ एनएसए की धाराएं हटाने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के विरोध में याचिका दाखिल की थी.
बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद डॉ. कफील खान को 2 सितंबर को मथुरा जेल से रिहा कर दिया गया था. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कफील खान पर लगाए गए एनएसए को अवैध करार देते हुए उसे रद्द कर दिया और उन्हें तुरंत जेल से रिहा किये जाने के आदेश दिया था. कफील खान उस वक्त चर्चा में आये थे जब गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत के मामले में वे निलंबित कर दिये गये थे. उन्हें 1 अगस्त 2017 में गिरफ्तार किया गया था.
Supreme Court dismisses an appeal of Uttar Pradesh government against the Allahabad High Court order quashing Kafeel Khan’s detention under the National Security Act (NSA). pic.twitter.com/3ki20zCMH7
— ANI UP (@ANINewsUP) December 17, 2020
अदालत ने की थी तल्ख टिप्पणी कफील को सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर भड़काऊ बयान देने के मामले में एनएसए के तहत जेल भेजा गया था. हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए यूपी के सरकारी अमले के कामकाज और फैसले पर सवाल उठाए थे. डा. कफील को मिली राहत की दो सबसे बड़ी वजह एनएसए के लिए पर्याप्त आधार का न होना और एनएसए लगने के बाद जेल में आरोपी को सभी दस्तावेज मुहैया न कराना रहा है. डॉ कफील ने दावा किया था कि उत्तर प्रदेश की विशेष पुलिस (एसटीएफ) ने गिरफ्तार करने के बाद न केवल उन्हें शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया बल्कि 'अजीबो गरीब' सवाल भी पूछे.
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