नई दिल्ली: यूपी में जातीय वैमनस्य फैलाने के मामले में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को आज सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम राहत मिल गई है. कोर्ट ने मामले में उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी और राज्य के अलग-अलग जिलों में दर्ज एफआईआर को एक साथ जोड़ने की मांग पर नोटिस जारी किया.


अपनी पार्टी का यूपी में राजनीतिक आधार बढ़ाने की कोशिश कर रहे संजय सिंह ने राज्य में एक टेलीफोन सर्वे कराया था. उसमें एक जाति विशेष का नाम लेते हुए लोगों से यह सवाल पूछा गया था कि क्या राज्य की बीजेपी सरकार इसी जाति के लोगों के लिए काम कर रही है? बाद में 12 अगस्त को संजय सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में फिर से उसी जाति विशेष का नाम लेते हुए योगी सरकार पर यह आरोप लगाया कि वह सिर्फ उस जाति के लिए काम करती है.


इसके बाद राज्य के लखनऊ, संत कबीरनगर, लखीमपुर खीरी, बागपत, मुजफ्फरनगर, बस्ती और अलीगढ़ समेत कई जिलों में कुल 14 एफआईआर संजय सिंह के ऊपर दर्ज हुईं. समाज में द्वेष फैलाने के अलावा कुछ एफआईआर में उनके ऊपर राजद्रोह की भी धारा लगाई गई है. सिंह ने लखनऊ के हजरतगंज थाने में दर्ज पहली एफआईआर को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने 21 जनवरी को उनकी याचिका खारिज कर दी. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में भी इसे चुनौती दी.


सुप्रीम कोर्ट में मामला जस्टिस अशोक भूषण और आर सुभाष रेड्डी की बेंच के सामने लगा. जजों ने जातीय आधार पर टिप्पणी करने को लेकर संजय सिंह की खिंचाई की. उन्होंने कहा, “आपको जातीय और धार्मिक मुद्दों पर बोलते समय सावधानी बरतनी चाहिए. अगर आप कानून के विरुद्ध काम करेंगे, तो मुकदमा तो दर्ज होगा ही."


संजय सिंह के लिए पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील विवेक तनखा ने दलील दी कि एफआईआर दर्ज करते वक्त उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है. संजय सिंह राज्यसभा सांसद हैं. उन पर मुकदमा चलाने से पहले राज्यसभा के सभापति की अनुमति ली जानी चाहिए थी. जजों ने इस पर टिप्पणी करने से मना करते हुए कहा कि पुलिस चाहे तो अनुमति के लिए राज्य सभा के चेयरमैन को आवेदन दे सकती है. सुप्रीम कोर्ट में चल रही कार्रवाई इसमें बाधक नहीं है."


इसके बाद बेंच ने वकील के आग्रह पर राज्यसभा सांसद की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी. याचिकाकर्ता की तरफ से सभी एफआईआर को एक साथ जोड़े जाने के अलावा मुकदमा रद्द करने की भी दरख्वास्त की गई है. कोर्ट ने इस पहलू पर राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.


बिहार के नए मंत्रियों को मिले विभाग, शाहनवाज हुसैन बने उद्योग मंत्री, संजय झा को मिली ये जिम्मेदारी