नई दिल्ली, एबीपी गंगा। उन्नाव रेप मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए मामले से जुड़े सभी पांचों केसों को दिल्ली ट्रांसफर कर दिया है। साथ ही, कोर्ट ने कहा कि एक ही जज सभी मामलों की सुनवाई करेगा। 45 दिन के अंदर उन्नाव के केस पूरा करना होगा। इसके अलावा शीर्ष न्यायालय ने ये कहा कि हमनें अभी आरोपियों का पक्ष नहीं सुना है। अगर आरोपी चाहें तो सुप्रीम कोर्ट आ सकते हैं।


7 दिनों में ट्रक हादसे की जांच पूरी हो


इससे पहले कोर्ट ने सीबीआई से उन्नाव रेप पीड़िता एक्सीडेंट मामले की जांच को सात दिन के अंदर पूरी करने को आदेश दिया है। सीजेआई ने कहा कि जांच अधिकारी एक हफ्ते का वक्त और ले सकते हैं।


सुप्रीम कोर्ट में उन्नाव मामले पर क्या-क्या हुआ


उच्चतम न्यायालय ने उन्नाव बलात्कार मामले में सीबीआई अधिकारी को दोपहर 12 बजे पेश होने और अभी तक की जांच के बारे में जानकारी देने का निर्देश दिया। जिस पर सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट ने कहा कि सीबीआई के जांच अधिकारी लखनऊ में हैं। शीर्ष अदालत ने सीबीआई की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की यह याचिका खारिज कर दी कि मामले की सुनवाई शुक्रवार सुबह साढ़े 10 बजे तक के लिए स्थगित की जाए क्योंकि उन्नाव मामलों की जांच कर रहे अधिकारी दिल्ली से बाहर हैं।


प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पीठ ने मेहता की दलील खारिज करते हुए कहा कि सीबीआई निदेशक टेलीफोन पर मामलों की जानकारी ले सकते हैं और पीठ को गुरुवार को इससे अवगत करा सकते हैं। पीठ ने मेहता को निर्देश दिया कि वह उसके समक्ष दोहपर 12 बजे तक एक ऐसे जिम्मेदार अधिकारी की मौजूदगी सुनिश्चित करे जो बलात्कार मामले और इसके बाद हुई दुर्घटना के मामले में अब तक हुई जांच की जानकारी मुहैया कराए। जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस अनिरुद्ध बोस भी इस पीठ के सदस्य हैं। पीठ ने कहा, ‘हम सभी मामलों को स्थानांतरित करने जा रहे हैं। हम इस संबंध में आदेश पारित करेंगे।’ शीर्ष अदालत ने कहा कि दोनों मामले सीबीआई को हस्तांतरित कर दिए गए हैं, इसलिए वह किसी जिम्मेदार सीबीआई अधिकारी से जानकारी हासिल करने के पश्चात दिन में बाद में आदेश पारित करेगा।


बता दें कि कोर्ट ने उस सड़क दुर्घटना मामले की जांच पर जानकारी मांगी है, जिसमें उन्नाव रेप पीड़िता घायल हो गई थी। कोर्ट ने कहा कि हम इस रेप मामले से जुड़े सभी मामलों को उत्तर प्रदेश के उन्नाव से बाहर ट्रांसफर करेंगे।


जानें, पूरा मामला क्या है


बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव रेप पीड़िता के परिजनों की चिट्ठी पर सुनवाई कर रहा है। कोर्ट इस बात को भी जानने की कोशिश कर रहा है कि पीड़िता के परिजनों द्वारा 17 जुलाई को सीजेआई के नाम मिली चिट्ठी कोर्ट में संज्ञान में देरी से क्यों आई। रेप पीड़िता के परिजनों की चिट्ठी के मामले में सीजेआई के सेक्रेटरी जनरल से रिपोर्ट भी मांगी गई है। बता दें कि पीड़िता की मां की चिट्ठी 17 जुलाई को ही मिल गई थी, लेकिन इसे सुनवाई के लिए देरी से लाया गया।


पीड़िता की मां की चिट्ठी में ऐसा क्या था


बचा दें कि चीफ जस्टिस के नाम पर लिखी गई पीड़िता की मां की चिट्ठी में ये शिकायत की गई थी कि पीड़िता व उनके परिवार को आरोपी बीजेपी विधायक समेत तमाम लोग धमका रहे हैं। पीड़िता की मां की ये चिट्ठी 12 जुलाई को लिखी गई थी। इस चिट्ठी के करीब 15 दिन बाद बीते रविवार को रायबरेली में पीड़िता की गाड़ी को ट्रक से टक्कर मार दी गई थी। इस एक्सीडेंट में पीड़िता की चाची की मौत हो गई, जबकि उसकी व उसके वकील की हालत गंभीर बनी हुई है। दोनों अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं।


आरोपी विधायक कुलदीप सेंगर की BJP से छुट्टी 

इस बीच उन्नाव रेप मामले में फजीहत झेलने के बाद बीजेपी ने आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को पार्टी से बाहर निकाल दिया है।

पीड़िता के तीनों सुरक्षाकर्मी सस्पेंड


उन्नाव केस में बड़ी कार्रवाई करते हुए पीड़िता की सुरक्षा के तैनात तीनों सुरक्षाकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। लापरवाही के चलते उनपर ये कार्रवाई की गई है।


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