Vikas Dubey Encounter: सुप्रीम कोर्ट का सवाल- इतना शातिर अपराधी था विकास दुबे तो कैसे मिली थी जमानत?
Vikas Dubey Encounter मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सवाल पूछा कि विकास दुबे इतना शातिर अपराधी था, तो उसे इतनी बार जमानत कैसे मिली. अब विकास दुबे के एनकाउंटर मामले की जांच अब सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में गठित कमेटी करेगी.
दिल्ली: कानपुर के बिकरू कांड के मास्टमाइंड विकास दुबे के एनकाउंटर मामले की जांच अब सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में गठित कमेटी करेगी. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में विकास दुबे एनकाउंटर मामले पर सुनवाई हुई. इस दौरान यूपी सरकार की तरफ से वकील तुषार मेहता ने मुठभेड़ को सही ठहराया. हालांकि, CJI ने वकील तुषार मेहता से कहा कि सीएम, डिप्टी सीएम द्वारा दिए गए बयानों पर भी गौर करें. अगर उन्होंने कुछ बयान दिए हैं और फिर कुछ हुआ है, तो आपको इस पर गौर करना चाहिए.
22 जुलाई को होगी अगली सुनवाई
कोर्ट ने ये भी कहा कि कानून व्यवस्था बनाने के लिए राज्य सरकार जिम्मेदारी होती है. कोर्ट ने कहा कि इसके लिए ट्रायल होना चाहिए था. नई कमेटी में हाई कोर्ट के जज के अलावा सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज और एक पुलिस अधिकारी रखने को कहा गया है. 22 जुलाई तक कमेटी का पुनर्गठन कर सुप्रीम कोर्ट को बताना है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी, जब यूपी सरकार अपनी ओर से नई जांच कमेटी का नाम देगी तो सुप्रीम कोर्ट उसके नियुक्ति को लेकर आदेश देगा. सुनवाई के दौरान सीजेआई ने एसजी तुषार मेहता से सीएम या अन्य कैबिनेट मंत्रियों द्वारा मुठभेड़ हत्याओं के पक्ष में दिए गए बयानों की सामग्री को देखने के लिए भी कहा.
बता दें कि कोर्ट में विकास दुबे एनकाउंटर मामले में तुषार मेहता ने यूपी सरकार का पक्ष रखा, जबकि हरीश साल्वे ने यूपी डीजीपी का पक्ष रखा. सुनवाई शुरू होने के दौरान सबसे पहले यूपी सरकार के वकील तुषार मेहता ने कहा कि जांच कानून के दायरे में हो रही है. पहले से ही जो व्यक्ति एनकाउंटर में मारा गया है, उसने कुछ दिन पहले ही पुलिस वालों को मारा था. इसलिए जब एनकाउंटर हुआ, उससे पहले भी विकास दुबे ने पुलिसवालों को मारने की कोशिश की थी. इसपर CJI ने कहा कि यहां (विकास दुबे केस) और हैदराबाद मामले में बलात्कारियों के पास कोई हथियार नहीं था. यहां कौन मारा गया, इस पर मतभेद है, लेकिन आप राज्य सरकार के रूप में कानून के शासन को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार हैं. इसमें गिरफ्तारी, मुकदमे और सजा की आवश्यकता है.
तेलंगाना मामला अलग था: हरीश साल्वे
वहीं, हरीश साल्वे ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि तेलंगाना मामला अलग था. वर्तमान मामला एक अलग मामला है. यदि आपके हाथ में एक खूंखार अपराधी है. उन्होंने कहा कि ये वो केस है, जिसमें अपराधी ने पुलिस के साथ बर्बरता की थी. विकास दुबे को पहले मिली जमानत पर भी जताई नाराजगी इस दौरान सीजेआई ने विकास दुबे को पहले मिली जमानत पर भी नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि हम इस तथ्य से विचलित हैं कि ऐसे व्यक्ति को जमानत पर रिहा किया गया था. यह एक संस्था की विफलता है जहां उसे जमानत पर रिहा किया गया था और उसने ऐसा किया. हमें ऐसे बेल आर्डर की रिपोर्ट चाहिए, कब- कब विकास दुबे रिहा किया गया. यह भी पढ़ें: