Agara News Today: आगरा नगर निगम ने प्रदूषण की रोकथाम के लिए बड़ा कदम उठाया है. इसके तहत यमुना नदी को प्रदूषित करने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा. इसके साथ सुप्रीम कोर्ट ने यमुना नदी को अनुपचारित अवशिष्ट से प्रदूषित करने के लिए आगरा नगर निगम को 58.39 करोड़ रुपये पर्यावरणीय मुआवजा देने का आदेश दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने इसे नगर निगम की बड़ी लापरवाही माना है, जिसके लिए कोर्ट 58.39 करोड़ का जुर्माना लगाया है. सुप्रीम कोर्ट ने यमुना नदी में पर्यावरणीय प्रदूषण को गंभीर बताया है. सुप्रीम कोर्ट ने नगर निगम के सारे दावों की पोल खोल कर रख दी है और यमुना नदी में बढ़ते प्रदूषण स्तर को लेकर नगर निगम को फटकार लगाई है.
'निगम ने यमुना को नरक बना दिया'
शहर और यमुना नदी में बढ़ते प्रदूषण स्तर को रोकने या कम करने को लेकर नगर निगम की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए. नगर निगम के इस रवैये को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा जुर्माना लगाया है. बचाव के तर्क पर कोर्ट ने असहमति जताते हुए कहा कि नगर निगम ने यमुना नदी को नरक बना दिया है. यमुना नदी में लगाता गंदा पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे प्रदूषण बढ़ता जा रहा है.
NGT ने नगर निगम पर खड़े किए थे सवाल
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा, "यह मामला बड़ा ही परेशान करने वाला है, इन लोगों ने यमुना नदी के लिए कुछ नहीं किया. सभी नदियों में लगातार निर्वहन हो रहा है, जिससे नदियां प्रदूषित हो रही है." इस तरह के मामले में इससे पहले NGT ने भी नगर निगम के खिलाफ अप्रैल में आदेश दिया था.
एनजीटी ने भी नगर निगम को दोषी माना था और जुर्माने के रुप में पेनलटी लगा दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने भी NGT का हवाला देते हुए कहा, "आप अपनी जवाबदेही से बच नहीं सकते है. आगरा नगर निगम अपने पर्यावरण मानकों पर खरा उतरने में नाकाम रहा है. यमुना नदी में सीवेज गिर रहे है, प्रदूषण बढ़ रहा है."
सु्प्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार
इससे पहले NGT ने आगरा नगर निगम के सीवेज उपचार संयंत्र (STP) का लेखा जोखा दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा, "अन्य बड़े बिंदुओं को तो छोड़ दीजिए मौजूदा न्यूनतम मानकों को भी पूरा नहीं किया जा रहा है." पूरे मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आगरा नगर निगम को प्रदूषण से निपटने के लिए सख्त रुख अपनाने को कहा है.
मामले की सुनवाई के दौरान नगर निगम की ओर से कोर्ट में कहा गया कि प्रदूषण को कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं. इस पर पीठ ने कहा कि हमें आप कोई प्रयास करते हुए नजर नहीं आ रहे हैं, जिस तरह से नदियों को प्रदूषित किया जा रहा है. यह बहुत ही गंभीर मामला है. यह चिंता का विषय है कि नदियों में गंदा किया जा रहा है.
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