सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश, सियासी दल आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों का नाम वेबसाइट पर डालें
सियासी दल जीतने की होड़ में दबंग व आपराधिक प्रवृत्ति वालों को टिकट देने से नहीं चूकते। लेकिन सर्वोच्च अदालत के इस आदेश के बाद राजनीतिक पार्टियां ऐसा करने में कई बार सोचेंगीं
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नई दिल्ली, एएनआई। राजनीति के अपराधीकरण को लेकर देश की सर्वोच्च अदालत ने अहम फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को राजनीतिक दलों को निर्देश दिया है कि वे अपनी वेबसाइट पर आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों के नाम डालें। कोर्ट ने कहा उनके चयन के कारणों विस्तार से जिक्र करें। बीते चुनाव में राजनीतिक दलों में लगातार ऐसा प्रचलन बढ़ता जा रहा है कि वे उन व्यक्तियों को टिकट दे रहे हैं जिनपर कई गंभीर मामले दर्ज हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों को 48 घंटे के भीतर अपनी वेबसाइट और सोशल मीडिया पर यह जानकारी डालना अनिवार्य होगा। वहीं, पार्टियों को चुनाव आयोग को 72 घंटे के भीतर ब्यौरा देना होगा।
Supreme Court also directs political parties to publish credentials, achievements and criminal antecedents of candidates on newspaper, social media platforms and on their website while giving a reason for selection of candidate with criminal antecedents. https://t.co/HE0Om38zGn
— ANI (@ANI) February 13, 2020
सर्वोच्च न्यायालय ने राजनीतिक दलों को अखबारों, सोशल मीडिया और अपनी वेबसाइट पर आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों के चयन का कारण बताते हुए वेबसाइट पर उनका परिचय पत्र, उपलब्धियां और उनके अपराध का विवरण प्रकाशित करने का भी निर्देश दिया है।
देश की सबसे बड़ी अदालत का कहना है कि अगर राजनीतिक पार्टियां इसका पालन नहीं करती हैं तो वह अवमानना के उत्तरदायी होंगे। अदालत ने चुनाव आयोग से कहा है कि यदि राजनीतिक दल आदेश का पालन करने में विफल रहती हैं तो वह अदालत में अवमानना याचिका (Contempt of Court) दायर करें।
सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि उम्मीदवारों का चयन करने का कारण योग्यता के आधार पर होना चाहिए, न कि जीतने के आधार पर। जीतने की काबिलियत तर्कसंगत नहीं हो सकता। अदालत ने यह फैसला वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय और अन्य द्वारा दायर अवमानना याचिकाओं पर सुनाया है।
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