UP Private School Fees: उत्तर प्रदेश में कई प्राइवेट स्कूलों के खातों की जांच की जाएगी. इन स्कूलों पर कोरोना काल में अभिभावकों से अतिरिक्त चार्जेज वसूलने का आरोप लगा है. इस मामले को लेकर यूपी के कई स्कूलों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी गई थी, जिसपर मंगलवार को सुनवाई हुई. जिस पर कोर्ट ने इन स्कूलों की वित्तीय स्थिति की जांच के आदेश दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने जांच के लिए दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज की अध्यक्षता में दो सदस्यीय समिति गठित की है.
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस केवी विश्वनाथन और जस्टिस संजय कुमार की पीठ में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई की गई. कोर्ट ने कहा कि इस मामले पर प्रत्येक मामले में तथ्यों और खातों की जांच होना जरूरी है. जिसके बाद कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज जीपी मित्तल और आदिश मेहरा की सदस्यता वाली जांच कमेटी गठित कर दी है.
प्राइवेट स्कूलों के खातों की होगी जांच
सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित जांच कमेटी यूपी के 17 स्कूलों के खातों की जांच करेगी और इन स्कूलों की वित्तीय स्थिति को लेकर एक रिपोर्ट पेश करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने चार महीने के अंदर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने इन स्कूलों को तीन सप्ताह के अंदर अपने स्कूलों के बैंक काते और बैलेंस शीट को जांच कमेटी के सामने पेश करने को कहा है. कोर्ट ने साफ कहा कि इस मामले में हरेक तथ्यों और खातों की जांच होना आवश्यक है.
दरअसल कोरोना काल में साल 2020-2021 के दौरान जब इस महामारी से देश गुजर रहा था तब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों के निर्देश दिया था कि अभिभावकों द्वारा भुगतान की गई फ़ीस का 15 प्रतिशत समायोजित करें या इसे वापस किया जाए. कोर्ट के इस आदेश को चुनौती देते हुए 17 निजी स्कूलों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. जिस पर कोर्ट ने कहा कि प्रत्येक निजी स्कूल के तथ्यों और वित्तीय परिस्थितियों पर विचार किए बिना व्यापक दृष्टिकोण अपनाया गया और इसे लागू रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती है.
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