UP News: उत्तर प्रदेश के अमरोहा नगर से कांग्रेस के पूर्व नगर अध्यक्ष परवेज आरिफ टीटू (Parvez Arif Titu) ने सीएए (CAA) प्रदर्शन में वसूली गई रकम और नोटिस को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से नागरिकता संशोधन अधिनियम विरोधी आंदोलन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोपियों से भरपाई के लिए वसूली गई रकम वापस करने और जब्त संपत्तियों को बहाल करने के आदेश दिए हैं. याचिका दायर करने वाले कांग्रेस के पूर्व नगर अध्यक्ष ने बताया कि जब वो सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे तो उनका साथ किसी ने भी नहीं दिया था. लेकिन आज मानीय जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने जो फैसला सुनाया है ये बहुत ही अच्छा है और मैं इस का दिल से स्वागत करता हूं.


देश में संविधान अभी भी जिंदा है - परवेज आरिफ टीटू


आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से नागरिकता संशोधन अधिनियम विरोधी आंदोलन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोपियों से भरपाई के लिए वसूली गई रकम वापस करने और 274 नोटिस वापस लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए हैं. एबीपी गंगा से रिट याचिका कर्ता परवेज आरिफ टीटू ने कहा कि अभी देश में संविधान जिंदा है लोकतंत्र जिंदा है. 31 जनवरी 2020 को मैंने ये याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी. उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी हठधर्मिता और दमनकारी नीति अपनाते हुए जो हिंदुस्तान की आवाम को डराने का काम किया. हमें उस हर फैसले का विरोध करने का अधिकार है. जो हमारे हाथ में ना हो उसके लिए हमने जगह जगह प्रोटेस्ट किए. ऐसे एरियो जहां लोग रिक्शा चलाते है, ठेला लगाते हैं उन्हें 20-21 लाख के नोटिस देकर पेनल्टी डाल दी गई. फिर मैं इसके खिलाफ अपने दिल की आवाज सुनकर सुप्रीम कोर्ट गया.


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जनता को संविधान पर भरोसा रखना चाहिए


उन्होंने कहा कि मैं माननीय अदालत का शुक्रिया अदा करता हूं और उन लोगों का भी जिन्होंने मेरा उस वक्त साथ दिया. जब कोई भी मेरे साथ नहीं था. उत्तर प्रदेश सरकार ने 350 एफआईआर में 5000 लोगों का नाम दर्ज किया. ये बहुत बड़ा फैसला था ऐसे में मैं उत्तर प्रदेश के लोगों से आग्रह करना चाहता हूं कि अपने संविधान पर भरोसा रखें. अगर किसी भी जगह किसी के भी साथ नाइंसाफी हो रही है तो वो डरे नहीं बिल्कुल डटे रहे और संविधान और लोकतंत्र पर भरोसा रखे.


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