Justice Shamim Ahmed: इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस शमीम अहमद के मद्रास हाईकोर्ट में तबादले पुनर्विचार की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दिया है. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उनका तबादला बेहतर न्याय व्यवस्था के लिए किया गया है. 21 अगस्त को जस्टिस शमीम अहमद के ट्रांसफर की सिफारिश की गई थी. 


चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस शमीम अहमद के तबादले की सिरफारिश की थी. इसमें जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हृषिकेश राय शामिल थे. जस्टिस शमीम अहमद ने 22 अगस्त 2024 को इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी और उनके तबादले को रोकने की अपील की थी. 


सुप्रीम कोर्ट ने ठुकराया अनुरोध
इस मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम ने कहा कि जस्टिस शमीम अहमद ने मद्रास हाईकोर्ट में अपने तबादले के प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है. जिसे लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट और मद्रास हाईकोर्ट दोनों के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीशों से परामर्श किया गया है. जिसके बाद कोर्ट ने उनके अनुरोध को ठुकरा दिया है. 


कॉलेजियम ने कहा कि जस्टिस अहमद के मद्रास हाईकोर्ट में तबादले के प्रस्ताव पर पुनर्विंचार करने का अनुरोध किया गया है लेकिन उनके इस अनुरोध में कोई ख़ास दम नहीं है. इसलिए उनके अनुरोध के आवेदन को ठुकराया जाता है और सुप्रीम कोर्ट उनके मद्रास हाईकोर्ट में स्थानांतरण की 21 अगस्त 2024 को की गई अनुशंसा को दोहराता है. कोर्ट के इस फैसले के बाद अब जस्टिस शमीम अहमद को मद्रास हाईकोर्ट में अपने पदभार को ग्रहण करना होगा. 


जस्टिस शमीम अहमद को 12 दिसंबर 2019 को इलाहाबाद हाईकोर्ट में अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया, जिसके बाद 26 मार्च, 2021 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में शपथ ली. उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की पढ़ाई की और इसके बाद इलाहाबाद यूनिवर्सिटी ही क़ानून की पढ़ाई की है. 17 अप्रैल 1993 को वो बार कांउसिल ऑफ उत्तर प्रदेश में एक वकील के रूप में नामांकित हुए.


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