नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक सुनवाई के दौरान कहा कि कई ऐसे राज्य हैं जिन्होंने पुलिस, जिला मजिस्ट्रेट आदि के साथ कार्यबल तैयार किया है. अभी कोरोना की संख्या कम हुई है. राज्य इस पर ध्यान केंद्रित कर सके. कोर्ट ने कहा कि जब राज्य राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) वेबसाइट पर डेटा हासिल करते हैं तो भोजन और आश्रय भी प्रदान करना चाहिए.


दिल्ली और बंगाल सरकार से नाराज कोर्ट
केंद्र सरकार की तरफ से दिल्ली और पश्चिम बंगाल के द्वारा ऐसे बच्चों की जानकारी पोर्टल पर अपलोड नही किये जाने का मुद्दा उठाया गया. सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल और दिल्ली द्वारा जानकारी पोर्टल पर अपडेट नही किये जाने पर नाराज़गी जताई. कोर्ट ने कहा पुलिस, जिला मजिस्ट्रेट आपके पास है. जब भी आपको जानकारी मिल जाए, तो उसे पोर्टल अपलोड करें. बच्चों की इन जरूरतों पर ध्यान दें, आदेशों के लिए इंतजार न करें, सुनिश्चित करें कि इन योजनाओं को लागू किया गया है.


वहीं, सुप्रीम कोर्ट में उत्तर प्रदेश सरकार ने बताया कि अभी 6 महीने के लिए अग्रिम राहत दी जा रही है. 75 जिलों में से 72 जिलों में प्रक्रिया को पूरा जा चुका है, जिला स्तर पर टास्क फोर्स हर 15 दिन पर बैठक करती है, लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है.


तमिलनाडु सरकार ने बताया कि जिन बच्चों ने माता-पिता दोनों को खोया है ऐसे बच्चों को 18 वर्ष का होने पर 5 लाख रुपये और जिन्होंने किसी एक को खोया है ऐसे बच्चों को 3 लाख रुपये दिये जाएंगे. इसके अलावा ऐसे बच्चों को शिक्षा मुफ्त दी जाएगी.


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