Kanwar Yatra 2021: कांवड़ यात्रा को मंजूरी देने के यूपी सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है. इसके लिए नोटिस जारी किया गया है और शुक्रवार को सुनवाई होगी. जस्टिस रोहिंटन नरीमन की अध्यक्षता ने संज्ञान लिया है. कोरोना काल में उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा पर रोक लगाई हैं, तो वहीं यूपी में शर्तों के साथ कांवड़ यात्रा को इजाजत दी गई है.


यूपी, उत्तराखंड और केंद्र को नोटिस देते हुए कोर्ट ने कहा, प्रधानमंत्री भी कोरोना की तीसरी लहर के प्रति लोगों को आगाह कर चुके हैं. ऐसे में हम संबंधित राज्य सरकारों का रुख जानना चाहते हैं.


कांवड़ यात्रा पर क्यों विवाद?


- बीजेपी शासित दो राज्यों का कांवड़ यात्रा पर अलग-अलग रुख


- कोरोना की वजह से उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा रद्द की गई


- उत्तराखंड के सीएम ने कहा- लोगों का जीवन सर्वोच्च प्राथमिकता 


- उत्तराखंड में लगातार दूसरे साल कांवड़ यात्रा रद्द


- यूपी ने योगी सरकार ने शर्तों के साथ कांवड़ यात्रा की इजाजत दी है


- यूपी में 25 जुलाई से शुरू होगी कांवड़ यात्रा


बता दें कि उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा में हर साल सावन में करोड़ों कांवड़िए हरिद्वार पहुंचते हैं. श्रद्धालु हरिद्वार से गंगा जल लेकर अपने गृह राज्य लौटते हैं. ये लोग भगवान शिव के जलाभिषेक के लिए गंगा जल लेने आते हैं. ज्यादातर कांवड़िए यूपी, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, हिमाचल जैसे राज्यों से आते हैं. 2019 में कोरोना से पहले करीब 5 करोड़ कांवड़िए हरिद्वार पहुंचे थे.


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