UP News: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को कहा कि वह इन दलीलों पर सुनवाई करेगा कि याचिकाकर्ता को उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) और उनके बेटे अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के आय से अधिक संपत्ति संचित करने से जुड़े आरोपों की शुरुआत जांच बंद करने की सीबीआई रिपोर्ट की प्रति दी जा सकती है, या नहीं. सीबीआई ने 2019 में शीर्ष अदालत को बताया था कि चूंकि मुलायम और उनके दो बेटों- अखिलेश और प्रतीक के संज्ञेय अपराध करने का पहली नजर में कोई सबूत नहीं मिला, इसलिए प्रारंभिक जांच को आपराधिक मामले/प्राथमिकी में बदला नहीं किया गया था और इस तरह 7 अगस्त, 2013 के बाद मामले में कोई जांच नहीं की गई. 


चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पी एस नरसिंह की पीठ ने मुलायम सिंह यादव का निधन हो जाने के मद्देनजर कहा कि सीबीआई ने उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज नहीं करने का फैसला किया है. पीठ ने कहा, 'हम इसे अगली तारीख पर सुनवाई के लिए रखेंगे क्योंकि उनका(याचिकाकर्ता विश्वनाथ चतुर्वेदी का) कहना सही है कि उन्हें सीबीआई की रिपोर्ट की एक प्रति दी जाए.' 


अगले साल जनवरी में होगी सुनवाई


कोर्ट अब शीतकालीन अवकाश के बाद इस विषय पर अगले साल जनवरी में सुनवाई करेगा. मुलायम और उनके परिवार के सदस्यों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि सीबीआई ने प्रारंभिक जांच को बंद कर दिया क्योंकि यह पाया गया कि नियमित मामला दर्ज करने के वास्ते आगे बढ़ने के लिए कुछ नहीं है. समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का इस साल 10 अक्टूबर को लंबी बीमारी के बाद गुरुग्राम के एक अस्पताल में निधन हो गया था. वह 82 वर्ष के थे.


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