सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में सांसदों-विधायकों के मामलों की सुनवाई के लिए मजिस्ट्रेट कोर्ट ना बनाने पर सख्त नाराजगी जताई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश में हमारे आदेश की गलत व्याख्या की. सुप्रीम कोर्ट एमपी-एमएलए के खिलाफ मामलों की सुनवाई के लिए मजिस्ट्रेट अदालतों के निर्माण के मुद्दे पर आदेश पारित करेगा.


सपा नेता आजम खान की याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायधीश ने कहा,''हमारे पास ऐसा कोई डेटा नहीं है जिससे पता चले कि यूपी में सेशन कोर्ट ने कितने केस हैं. कितने में दोषी हुए, कितने बरी हुए, दूसरे राज्यों ने सेशन और मजिस्ट्रेट दोनों कोर्ट बनाई लेकिन उत्तर प्रदेश में नहीं बनाई गई. मुख्य न्यायधीश ने नाराजगी जताते हुए कहा हमने मजिस्ट्रेट के स्तर पर विशेष अदालत बनाने का निर्देश दिया था, आप कैसे साबित करेंगे, कि अकेले यूपी में सेशन जजों द्वारा मामलों का ट्रायल होता है. आजम खान ने रामपुर में एमपी-एमएलए के लिए विशेष अदालत खोलने की मांग को लेकर याचिका दायर की है.


सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट से पूछा


मुख्य न्यायधीश ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के वकील से पूछा कि उत्तर प्रदेश में एमपी-एमएलए के खिलाफ कितने मामले लंबित हैं? और कितने स्पेशल कोर्ट में  लंबित है? इस पर इलाहाबाद हाई कोर्ट के वकील ने बताया कि उत्तर प्रदेश में सांसदों और विधायकों के खिलाफ 13 हजार मामले लंबित हैं, स्पेशल कोर्ट में 63 मामले लंबित हैं.


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सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के वकील से कहा कि आपने कोई विशेष अदालत नहीं बनाई है और आपने केवल सेशन जजों को लेबल लगा दिया है, आपने मजिस्ट्रेट की विशेष अदालतें क्यों नहीं बनाई? मुख्य न्यायधीश ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के वकील से कहा कि हमारे आदेशों का गलत अर्थ न बताएं, हम जानते हैं कि हमारे आदेश क्या हैं, हमने कहा कि मजिस्ट्रेट की अदालत की भी जरूरत है.


मुख्य न्यायधीश ने कहा कि आप मजिस्ट्रेट की अदालत नहीं बनाते हैं और मामले को इन चार्ज सेशन कोर्ट को देते हैं, तो मामले कितने सालों तक खिंचेंगे? क्या यह हमारा इरादा था? आपके यहाँ मामलों की संख्या सबसे ज्यादा है.


इलाहाबाद हाई कोर्ट से खफा हुआ सुप्रीम कोर्ट


जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के वकील से कहा, ''हमारा आदेश था कि ज्यादा से ज्यादा सेशन और मजिस्ट्रेट कोर्ट बनाया जाए, सभी राज्यों ने सेशन और मजिस्ट्रेट कोर्ट बनाए लेकिन उत्तर प्रदेश ने केवल सेशन कोर्ट बनाया.''


कोर्ट ने एमिकस क्यूरी से पूछा कि ऐसे और कितने राज्य हैं जिन्होंने यूपी की तरह केवल सेशन कोर्ट बनाया है लेकिन मजिस्ट्रेट कोर्ट नहीं बनाया है. इस पर एमिकस क्यूरी ने बताया कि मध्य प्रदेश के केवल भोपाल में एक मजिस्ट्रेट कोर्ट है. इसके अलावा कर्नाटक के बंगलुरु और पश्चिम बंगाल में केवल कलकत्ता में एमपी-एमएलए के लिए एक मजिस्ट्रेट कोर्ट है.


मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ''हम विचार कर रहे हैं जिन राज्यों ने मजिस्ट्रेट न्यायालय नहीं बनाए हैं, मजिस्ट्रेट न्यायालय बनाएं, जहां सेशन न्यायालयों में मुकदमा चल रहा है, हम उन्हें मजिस्ट्रेट न्यायालय में स्थानांतरित करें जहां उनका निपटारा पूरा हो. एमिकस क्यूरी ने कोर्ट को बताया कि उत्तर में 62 स्पेशल सेशन अदालतें बनाई गई हैं.


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