Lakhimpur Kheri Case: आशीष मिश्रा की जमानत को चुनौती देने वाली याचिका पर 11 मार्च को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट, वकील ने दी यह दलील
Lakhimpur Kheri Case: प्रशांत भूषण ने प्रतिवेदन में कहा है कि हाई कोर्ट ने कानून का पालन नहीं किया. उनका कहना है कि अदालत ने आरोपी द्वारा सबूतों से छेड़छाड़ करने समेत अन्य पहलुओं पर गौर नहीं किया.
सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे और मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाई कोर्ट से जमानत दिए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर 11 मार्च को सुनवाई करने के लिए शुक्रवार को सहमत हो गया. इस हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी.
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमण के नेतृत्व वाले एक पीठ ने वकील प्रशांत भूषण की उस दलील पर गौर किया कि मामले के अन्य आरोपी आशीष मिश्रा को दी गई राहत का हवाला देते हुए जमानत के लिए अदालत का रुख कर रहे हैं. प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘ मैं मामले को 11 मार्च के लिए सूचीबद्ध कर सकता हूं. अन्य न्यायाधीश भी मौजूद होने चाहिए.''
याचिकाकर्ता वकील ने क्या दलील दी
प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल प्रतिवेदन में कहा है कि हाई कोर्ट ने जमानत देते हुए कानून का पालन नहीं किया. उनकी दलील है कि अदालत ने आरोपी की ओर से उसके सबूतों से छेड़छाड़ करने समेत अन्य पहलुओं पर गौर नहीं किया.
सुनवाई के दौरान प्रशांत भूषण ने कहा कि अन्य आरोपी भी इस फैसले का हवाला देकर अब जमानत मांग रहे हैं. उन्होंने हाई कोर्ट को यह निर्देश देने का अनुरोध किया कि वह फिलहाल अन्य आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई ना करे.उनकी इस दलील पर पीठ ने कहा, ‘‘ हाई कोर्ट के समक्ष ज्ञापन दाखिल करें कि हम मामले पर 11 मार्च को सुनवाई कर रहे हैं.''
क्या है पूरा लखीमपुर खीरी का मामला
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हिंसा में मारे गए किसानों के परिवारों के तीन सदस्यों ने मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाई कोर्ट की ओर से जमानत दिये जाने को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है.
किसानों का एक समूह उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की यात्रा के खिलाफ 3 अक्टूबर को प्रदर्शन कर रहा था. इस दौरान लखीमपुर खीरी में एक एसयूवी कार ने चार किसानों को कथित तौर पर कुचल दिया था. इससे गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी के दो कार्यकर्ताओं और एक चालक को कथित तौर पर पीट-पीट कर मार डाला था. इस हिंसा में एक स्थानीय पत्रकार की भी मौत हो गई थी. किसान नेताओं ने दावा किया है कि उस वाहन में आशीष मिश्रा थे, जिसने प्रदर्शनकारियों को कुचला था. हालांकि, उन्होंने आरोपों को खारिज किया है.
लखीमपुर हिंसा मामले में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से गठित एसआईटी ने चार्जशीट दाखिल कर दी है. एसआईटी की 5 हजार पन्ने की चार्जशीट में आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बताया गया है. एसआईटी के मुताबिक घटना के समय आशीष घटनास्थल पर ही मौजूद थे. इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने इस मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को 10 फरवरी को जमानत दे दी थी.