Lucknow News: उत्तर प्रदेश में अब गैर-मान्यता प्राप्त निजी मदरसों का सर्वेक्षण 20 अक्टूबर तक होगा. इसके बाद जिलाधिकारी सर्वेक्षण का डाटा 15 नवंबर तक शासन को उपलब्ध कराएंगे. प्रदेश में अब तक 6 हजार 436 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे चिन्हित किए गए हैं. इनमें से पांच हजार 170 मदरसों का सर्वे पूरा हो चुका है. प्रशासन के माध्यम से 31 अक्टूबर तक जिलाधिकारी को रिपोर्ट दी जाएगी.प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने अधिकारियों साथ कि मदरसों के सर्वे की समीक्षा बैठक. इसमें उन्होंने निर्देश दिया कि तीन वरिष्ठ अधिकारियों की कमेटी बनाकर मदरसों के सर्वे कार्य की मण्डल स्तर पर दैनिक रूप से समीक्षा की जाए. उन्होंने कहा कि समिति में विशेष सचिव अल्पसंख्यक, निदेशक अल्पसंख्यक और रजिस्ट्रार मदरसा बोर्ड होंगे.
क्या निर्देश दिए हैं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने
बैठक में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने कहा कि इस सर्वेक्षण के पीछे राज्य सरकार का उद्देश्य अल्पसंख्यक समाज के बच्चों को गुणवत्तायुक्त और बेहतर शिक्षा देना, मदरसों में आवश्यक अवस्थापना संबंधी बुनियादी सुविधाए और बेहतर शैक्षणिक परिवेश उपलब्ध कराना, मदरसों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को अंग्रेजी, विज्ञान, गणित, कम्प्यूटर और अन्य तकनीकी शिक्षा उपलब्ध कराते हुए उनका कौशल विकास करना है.
उन्होंने कहा कि गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के विवरण में सर्वे टीम मदरसे का नाम, मदरसे का संचालन करने वाली संस्था का नाम, स्थापना वर्ष, मदरसे की अवस्थिति का पूरा विवरण, मदरसे में छात्र-छात्राओं के लिए आवश्यक बुनियादी अवस्थापना सुविधाएं, अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की कुल संख्या, मदरसों में शिक्षकों की कुल संख्या, मदरसों में लागू पाठ्यक्रम, मदरसे की आय का स्रोत और मदरसों में पढ़ रहे छात्र किसी अन्य विद्यालय में नामांकित हैं या नहीं का विवरण प्राप्त किया जाए. उन्होंने कहा कि गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे के लिए गठित टीम में संबंधित तहसील के उपजिलाधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को शामिल किया जाए.
पहले कब तक होना था मदरसों का सर्वेक्षण
उत्तर प्रदेश सरकार ने 31 अगस्त को राज्य में संचालित हो रहे सभी गैर-मान्यता प्राप्त निजी मदरसों का सर्वेक्षण करने का आदेश दिया था. आदेश के मुताबिक, 15 अक्टूबर तक सर्वे पूरा करके 25 अक्टूबर तक रिपोर्ट सरकार को सौंपने को कहा गया था. पहले इस सर्वे को लेकर निजी मदरसों ने तरह-तरह की आशंकाएं जताई थीं, लेकिन देवबंद में 18 सितंबर को हुई बैठक के बाद मदसरों ने फैसला किया कि इस सर्वेक्षण के लिए सरकार का सहयोग किया जाएगा.
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