रायबरेली. जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षा में गुणवत्ता व पारदर्शिता बनाए रखने के लिए जिले के अंदर स्थानांतरण पर पूर्णतया रोक लगा रखी है वहीं, दूसरी तरफ और रायबरेली जनपद में शिक्षा विभाग का एक बड़ा खेल सामने आया है. रायबरेली के शिक्षा विभाग में निलंबन की आड़ में शिक्षकों के स्थानांतरण का बड़ा खेल चल रहा है. मामला प्रकाश में आने पर शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है.


स्थानांतरण का खेल..


शासन ने शिक्षकों के स्थानांतरण पर पूर्णतया प्रतिबंध लगा रखा है लेकिन रायबरेली के बेसिक शिक्षा अधिकारी आनंद प्रकाश शर्मा ने कई स्थानांतरण गुपचुप तरीके से कर दिए. स्थानांतरण का आधार निलंबन को बनाया गया और सजा देने की नीयत कही गई, लेकिन स्थानांतरण का यह बड़ा खेल रायबरेली जनपद में सुर्खियां बटोर रहा है जबकि शासन ने रत्ती भर स्थानांतरण की छूट किसी भी दशा में नहीं दी है.


निलंबन और बहाली का खेल


जब स्थानांतरण नहीं हो रहे तो उस समय भी अगर स्थानांतरण का खेल खेला जा रहा हो तो सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह खेल कितना शातिराना अंदाज में खेला जा रहा है. पहले स्थानांतरण करने वाले शिक्षक को निलंबित किया जाता है फिर उसे दूसरे विद्यालय भेजकर बहाली कर दी जाती है. लेकिन इन सबके बीच बहाली के पत्र में यह भी दर्शाया जाता है कि उसकी एक वेतन वृद्धि रोक दी गई है और सजा के रूप में स्थानांतरण किया गया है.


इन मामलों ने किया खेल उजागर


पूर्व प्राथमिक विद्यालय, जमुरावां, विकासखंड महाराजगंज में प्रधानाध्यापक के पद पर मंजू मिश्रा तैनात थीं, जिन्हें 9 अगस्त 2019 को निलंबित किया गया था. लेकिन 20 मार्च 2020 को मंजू मिश्रा की बहाली एक वेतन वृद्धि बाधित करके कर दी जाती है. इतना ही नहीं मंजू मिश्रा को महाराजगंज से स्थानांतरित करके विकासखंड हरचंदपुर के पूर्व माध्यमिक विद्यालय सिरसा भेज दिया जाता है. बता दें कि मंजू मिश्रा का घर भी उसी के आसपास ही है. वहीं, दूसरी तरफ हरचंदपुर विकासखंड के गंगागंज प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात रामाशीष को 17 अक्टूबर 2019 को निलंबित किया जाता है इनके साथ भी वही होता है जो मंजू के साथ हुआ. राम आशीष का भी एक वेतन वृद्धि बाधित करते हुए महाराजगंज विकासखंड के प्राथमिक विद्यालय पूरे ज्वाला में स्थानांतरित कर दिया जाता है. राम आशीष का भी निज निवास महाराजगंज बताया जा रहा है. इससे सिद्ध होता है कि शिक्षकों का स्थानांतरण उनके घर के आसपास ही किया गया है.


शासन के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए गलत तरीके से शिक्षा विभाग में स्थानांतरण ,निलंबन की आड़ में किया जा रहा है. पहले शिक्षक को निलंबित किया जाता है, बाद में चेतावनी व एक वेतन वृद्धि बाधित कर उसकी बहाली उसके मनचाहे विद्यालय में कर दी जाती है. चाहे मंजू मिश्रा हो या फिर रामाशीष या फिर अन्य सभी का स्थानांतरण उनके अपने निजी हक में किया गया है. इस तरह के दर्जनों ऐसी अनियमितताएं शिक्षा विभाग में गुलाटी मार रही हैं जो साफ तौर पर शासन के आदेशों की धज्जियां उड़ा रही हैं.


फिलहाल शासन के मंशा के विपरीत निलंबन की आड़ में स्थानांतरण का जो बड़ा खेल रायबरेली में खेला जा रहा है उस पर सरकार कैसे रोक लगाएगी यह अभी भविष्य के गर्भ में है.


बीएसए की सफाई 


बेसिक शिक्षा अधिकारी का कहना है कि कुछ पिछले दिनों पुराने समय के निलंबित थे, शासन द्वारा मांगा जा रहा था जो बहुत दिनों से किसी को निलंबित नहीं रखा जा सकता है, तो उनको जांच कराने के पश्चात सजा देते हुए इंक्रीमेंट डाउन करते हुए बहाली दूरस्थ जगह पर किया गया है. तबादला नहीं हो रहा है, जहां पर झगड़ा फंसा था उसी आधार पर उनको निलंबित किया गया था. उसके बाद उन्हें सजा देते हुए झगड़े को दूर करते हुए विद्यालय चेंज किया गया.


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