'18 हजार रुपये के लिए गौ हत्या का समर्थन नहीं करते', AAP पर बरसे शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद
Swami Avimukteshwaranand News: शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कह पुजारी ग्रंथियां को सम्मान राशि देने की घोषणा कर रहे हैं, लेकिन अभी तक गौ हत्या बंद करने के लिए AAP ने कोई ऐलान नहीं किया है.
UP News: ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत के दौरान कहा कि प्रयागराज महाकुंभ में परमधर्म संसद का आयोजन होगा. यह एक बड़ा अवसर है जिसमें देश के सभी विद्वान जुटेंगे, साधु महात्मा इकट्ठा होंगे. ऐसे में इन परिस्थितियों में सनातन धर्म से जुड़ी हुई जो भी समस्याएं आ रहीं हैं. उन पर विचार विमर्श किया जाएगा और मंथन के बाद वहां से मार्गदर्शन होगा.
इसके अलावा महाकुंभ से पहले शुरू हुई सियासत को लेकर शंकराचार्य ने कहा कि - जिसकी भी सरकार रहती है वह इसका राजनीतिक लाभ लेना चाहता है. सत्ता पक्ष इस आयोजन में अपनी खूबियां गिनाते हैं तो वहीं विपक्ष कमियों की ओर इशारा करतें है. लेकिन यह हमारा विषय नहीं है, हम धर्म और धार्मिकता पर चर्चा करेंगे.
18 हजार रुपये के लिए गौ हत्या का समर्थन नहीं कर सकते
आदमी पार्टी द्वारा पुजारी और ग्रंथियों कों सम्मान राशि दिए जाने के ऐलान के बाद शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने AAP पर जमकर जुबानी हमला बोला. उन्होंने कहा कि हम 18000 रुपये लेकर गौ हत्या को समर्थन नहीं दे सकते. अगर वो गौ हत्या को बंद करने की बात करेंगे तभी उनका समर्थन करेंगे, प्रचार करेंगे.
पुजारी ग्रंथियां को सम्मान राशि देने की घोषणा कर रहे हैं, लेकिन अभी तक गौ हत्या बंद करने के लिए आम आदमी पार्टी ने कोई ऐलान नहीं किया है. अभी तक किसी भी पार्टी ने गौ हत्या बंद करने की घोषणा नहीं की है. इसलिए हम फिर से स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि हमारा समर्थन उसी को होगा, जो गौ माता की रक्षा की बात करेगा. बहुसंख्यक हिंदुओं का मानना है कि गौ हत्या बंद हो और फिर भी इसे क्यों नहीं माना जा रहा है.
कुमार विश्वास को शंकराचार्य की नसीहत
दुनिया के जाने-माने कवि कुमार विश्वास के बयान को लेकर लगातार देश में चर्चा जारी है. इसी बीच शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत के दौरान कहा कि शत्रुघ्न सिन्हा एक अच्छे व्यक्ति है. उनके मन में प्रभु राम के लिए भाव है, इसलिए उन्होंने अपने घर का नाम रामायण और बच्चों का नाम लवकुश रखा. उनके मन में प्रभु राम के प्रति श्रद्धा रही. उन्होंने अपनी बच्ची के परिस्थिति में सामंजस बना ली. अब उनके बारे में कुछ भी कहना उनको चोट पहुंचाना ही है. किसी को चोट पहुंचाने वाली बात क्यों कहना. फूल से मारना भी मारना ही होता है, नहीं मारना चाहिए. अगर कुमार विश्वास चाहते हैं कि हिंदुओं का हिंदुओं में ही विवाह हो तो यह बात बिल्कुल कहना चाहिए. लेकिन किसी के घर की बात है, जो दिल को दुखाने वाली बात हो तो किसी व्यक्ति को लेकर ऐसी बात नहीं करनी चाहिए.
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