Maha Kumbh 2025: 'देश के 2 टुकड़े हो गए तो पाकिस्तान जाओ', स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का मुसलमानों पर बड़ा बयान
Maha Kumbh 2025: स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि भारत का बंटवारा धार्मिक आधार पर था. इसलिए सारे मुस्लिमों को पाकिस्तान जाना चाहिए अगर वहां नहीं जा रहे हैं तो ये बंटवारा खत्म हो जाना चाहिए.
Swami Avimukteshwaranand on Muslim: ज्योतिर्मठ के शंकाराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भारत के मुसलमानों को लेकर बड़ा बयान दिया है. प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ में एबीपी न्यूज के सनातन संवाद में पहुंचे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि भारत के मुसलमानों को या तो पाकिस्तान चले जाना चाहिए नहीं तो पाकिस्तान का फिर से भारत में विलय होना चाहिए.
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि हम सिर्फ तथ्यों का विश्लेषण कर रहे हैं. तथ्य ये हैं किसी समय हिन्दू मुस्लिम दोनों इस देश में रह रहे थे और स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ रहे थे. आजादी की लड़ाई के बाद जब अंग्रेज भाग गए तो ये कहने लगे कि हम हिन्दुओं के साथ नहीं रह सकते. ये बात मुस्लिमों ने की हिन्दुओं ने तो कही नहीं. कोई इतिहास नहीं है कि हिन्दुओं ने कहा कि हम मुस्लिमों के साथ नहीं रह सकते. लेकिन, इन्होंने कहा कि हमें अलग करिए, हमारी जमीन बांटिए.
पाकिस्तान चले जाएं भारत के मुस्लिम
उन्होंने का कि जब धर्म के आधार हमारे देश के दो टुकड़े हो गए और मुसलमान वहां जाकर रहने लगे उसे इस्लामिक देश भी बना लिया. तो भी कुछ लोग यहां क्यों रह रहे हैं. अब जब आपने अपना देश ले लिया तो बंटवारे के बाद मुस्लिमों को अपने देश में रहना चाहिए. बंटवारा भी हो गया और फिर भी हमारे घर में पैर पसार कर रह रहे हैं.
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि भारत का बंटवारा धार्मिक आधार पर था. इसलिए सारे मुस्लिमों को पाकिस्तान जाना चाहिए अगर वहां नहीं जा रहे हैं तो ये बंटवारा खत्म हो जाना चाहिए. पाकिस्तान को भारत में विलय हो जाना चाहिए. जिसने बंटवारा किया है वो अपनी जमीन पर जाए. उन्हें फायदा है कि उन्होंने बंटवारा भी करवा लिया और यहां भी कब्जा करके रखा है. लेकिन, हमें तो इस बात का कष्ट हैं कि जब मुस्लिम वहां चले गए तो इन लोगों को भी चले जाना चाहिए.
एबीपी के सनातन संवाद में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा उन्होंने कहा कि ये नहीं चल सकता है कि बंटवारा भी कर लिया और फिर भी यहां पर रह रहे हैं, इससे हमें ही तो घाटा है कि आजाद देश में भी हम अपने मंदिर में पूजा नहीं कर पा रहे हैं.