शाहजहांपुर, एजेंसी। पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद यौन शोषण मामले में सीजेएम अदालत में चल रहे मुकदमों को जिला जज ने अब जनप्रतिनिधियों के लिए बनी विशेष अदालत में स्थानांतरित कर दिया है। अब चिन्मयानंद की अगली पेशी इसी अदालत में होगी। चिन्मयानंद के वकील ओम सिंह ने बताया कि सोमवार को जिला न्यायाधीश रामबाबू शर्मा की अदालत में हुई सुनवाई के बाद अब इस मामले की सुनवाई सांसदों और विधायकों के लिए बनाई गई स्पेशल कोर्ट को सौंप दी गई है।


उन्होंने बताया, ''इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर शाहजहांपुर जिले में बनाई गई सांसद विधायक विशेष अदालत विधिवत कार्य करने लगी है। ऐसे में स्वामी चिन्मयानंद की भी सुनवाई इसी अदालत में होगी और 20 जनवरी को पेशी भी इसी विशेष अदालत में होगी।''


चिन्मयानंद पर 2011 का एक मुकदमा चल रहा है, जो कथित रूप से उनकी शिष्या के साथ दुष्कर्म से का है। इस मुकदमे की सुनवाई इसी अदालत में 13 जनवरी को होनी है।


पीड़िता के अधिवक्ता मुकेश कुमार गुप्ता ने बताया कि स्वामी चिन्मयानंद पर उनकी ही शिष्या ने यौन शोषण का मामला शहर कोतवाली में 2011 में दर्ज कराया था, जिसमें पुलिस ने 23 अक्टूबर 2012 में चार्जशीट लगाकर न्यायालय भेज दी थी, जो अभी तक न्यायालय में विचाराधीन है।


उन्होंने बताया उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार बनते ही 24 मई 2018 को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के कोर्ट में प्रदेश सरकार द्वारा चिन्मयानंद पर चल रहा बलात्कार का मुकदमा वापस लेने का प्रार्थना पत्र भेजा गया, जिस पर शिष्या द्वारा आपत्ति दाखिल की गई और उसकी आपत्ति को देखते हुए न्यायालय ने मुकदमा वापस लेने का प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया था और जमानती वारंट जारी कर दिया गया था।


गुप्ता ने बताया इसके बाद चिन्मयानंद हाईकोर्ट चले गए और वहां से उन्होंने अदालत द्वारा की जा रही कार्रवाई को रोकने के लिए स्थगन आदेश प्राप्त कर लिया।


गौरतलब है कि स्वामी चिन्मयानंद पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हैं और शाहजहांपुर में मुमुक्षु आश्रम के संस्थापक हैं। मुमुक्षु आश्रम द्वारा पांच शिक्षण संस्थाओं का संचालन होता है।