UP News: शिष्या से रेप के आरोपों में एमपी-एमएलए कोर्ट से बरी होने के बाद पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद मीडिया के सामने आए. पूर्व मंत्री ने कहा कि राजनीतिक षड्यंत्र के तहत उनकी छवि खराब करने के लिए उनपर आरोप लगाए गए थे. वे राम मंदिर आंदोलन में काफी सक्रिय रहे थे, इसलिए राजनीतिक प्रतिद्वंदियों ने उनके खिलाफ ये षड्यंत्र रचा था. 


वहीं काशी और मथुरा में धार्मिक स्थलों के विवाद पर स्वामी चिन्मयानंद ने कहा कि हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों को आपसी सहमति से विवाद हल कर लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत के सभी मुसलमानों के पूर्वज हिंदू हैं, इसलिए उन्हें खुद को आक्रांताओं के साथ नहीं जोड़ना चाहिए. पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद का कहना है कि मेरे ऊपर जो आरोप लगाए गए वह राम जन्मभूमि पर कोर्ट के फैसले के बाद लगाए गए क्योंकि मेरे द्वारा रामचंद्र भूमि आंदोलन में कार्य किया गया था.


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मुसलमान देश के बाहर नहीं जाएगा
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसका श्रेय में ना ले सकूं इसलिए कुछ राजनीतिक लोगों ने इस तरह का कार्य किया था. वहीं मथुरा और काशी के मामले पर स्वामी चिन्मानंद का कहना है कि दोनों ही समुदाय आपस में बैठकर इस समस्या का हल निकले तो बहुत अच्छा होगा क्योंकि देश में रहने वाला मुसलमान देश के बाहर नहीं जाएगा. उनके पूर्वज भी भारत के हैं मैं देश के मुसलमान से आग्रह करता हूं कि अपने आपको आक्रांताओं से ना जोड़े वो भारत की मान्यताओं से जुड़े हुए लोग हैं.


बता दें कि बीते दिन पूर्व केंद्रीय मंत्री को कोर्ट ने 13 साल पुराने रेप केस में बरी किया था. स्वामी चिंमयानंद, अटल बिहारी वाजपेयी की एनडीए सरकार के दौरान केंद्रीय गृह राज्य मंत्री थे. चिन्मयानंद के वकील फिरोज हसन खान ने बताया था कि एमपी एमएलए कोर्ट ने कोई सबूत न होने कारण उन्हें बरी कर दिया है. स्वामी चिन्मयानंद को इलाहाबाद हाईकोर्ट से 19 दिसंबर, 2022 को अग्रिम जमानत मिल गई थी. तबसे यह मामला अदालत में विचाराधीन था.